हस्तरेखा विज्ञान भारत का सबसे प्राचीन और उन्नत विज्ञान है इस विज्ञान के आधार पर व्यक्ति के जीवन के लगभग सभी पहलुओं को आसानी से जाना जा सकता है | आइये आज जानते है की प्रेम संबंधो को हम इस विज्ञान के माध्यम से हम कितना समझ सकते है -
* व्यक्ति की कनिष्ठा अंगुली अर्थात सबसे छोटी ऊँगली के नीचे बुद्ध पर्वत होता है , इसी के नीचे गहरी , छोटी , पड़ी लाइन विवाह रेखा होती है | आपके हाथ में जितनी ऐसी रेखाएं होंगी उतने आपके संबंध होते है | यहां एक बात जानना जरूरी है की ये रेखाएं आपके ह्रदय से जुड़े संबंधो को दर्शाती है |
* यदि कोई रेखा आपकी ह्रदय रेखा से मिल जाए तो वह प्रेम संबंध आपको जीवन पर्यन्त याद रहेगा या आप उस व्यक्ति से जुड़ रहेंगे |
* यदि आपके हाथ में एक ही रेखा हो तो आप जीवन में एक ही व्यक्ति से प्रेम करेंगे और विवाह भी उसी से होगा |
* यदि किसी पुरूष के हाथ में ह्रदय रेखा गुरु पर्वत तक जाए और शुक्र पर्वत उन्नत अवस्था में हो तो वह पुरूष प्रेम संबंधो को लेकर उदार रवैया अपनाता है |
* यदि किसी स्त्री की तर्जनी अंगुली सबसे बड़ी हो तो वह पारिवारिक जीवन और प्रेम संबंधो में वफादार स्त्री नहीं मानी जाती |
* यदि विवाह रेखा किसी द्वीप से प्रारम्भ हो तो विवाह धोखे से होने की सम्भावनाओ को व्यक्त करता है |
* यदि चतुष्कोण हो तो पार्टनर का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता |
*यदि विवाह रेखा सूर्य पर्वत तक जाए तो विवाह उपरांत जीवन बहुत ही अच्छा बीतता है |
*यदि कोई रेखा विवाह रेखा को काटे तो अलगाव की स्थिति बनती है |
*यदि विवाह रेखा से शाखा निकल रही हो तो यह आपस में वैचारिक मतभेद को दर्शाती है |
*यदि विवाह रेखा बुद्ध पर्वत की तरफ बढ़ जाए तो प्रेम संबंधो में बाधाएं आती है |