हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि व्रत रखा जाता है। यह तिथि पूर्णतः भगवान शिव को समर्पित मानी जाती है। ऐसे में सावन माह में पड़ने वाली मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri) का महत्व और भी बढ़ जाता है. ऐसे में आप मासिक शिवरात्रि पर इस दिव्य स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं, इससे आपको पूजा का दोगुना फल मिलेगा।

सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ 02 अगस्त को दोपहर 03:26 बजे हो रहा है। वहीं यह तिथि 03 अगस्त को दोपहर 03:50 बजे समाप्त होगी. ऐसे में मासिक शिवरात्रि व्रत 2 अगस्त 2024, शुक्रवार को मनाया जाएगा। मासिक शिवरात्रि में निशिता काल में भगवान शिव की पूजा की जाती है। ऐसे में पूजा का समय कुछ इस प्रकार रहेगा -
नमामीशमीशान निर्वाणरूपं ।
विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम् ।।
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं ।
चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम् ।।1।।
निराकारमोङ्कारमूलं तुरीयं ।
गिराज्ञानगोतीतमीशं गिरीशम् ।।
करालं महाकालकालं कृपालं ।
गुणागारसंसारपारं नतोऽहम् ।।2।।
तुषाराद्रिसंकाशगौरं गभीरं ।
मनोभूतकोटिप्रभाश्री शरीरम् ।।
स्फुरन्मौलिकल्लोलिनी चारुगङ्गा ।
लसद्भालबालेन्दु कण्ठे भुजङ्गा ।।3।।
चलत्कुण्डलं भ्रूसुनेत्रं विशालं ।
प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम् ।।
मृगाधीशचर्माम्बरं मुण्डमालं ।
प्रियं शङ्करं सर्वनाथं भजामि ।।4।।
प्रचण्डं प्रकृष्टं प्रगल्भं परेशं ।
अखण्डं अजं भानुकोटिप्रकाशं ।।
त्रय: शूलनिर्मूलनं शूलपाणिं ।
भजेऽहं भवानीपतिं भावगम्यम् ।।5।।
कलातीतकल्याण कल्पान्तकारी ।
सदा सज्जनानन्ददाता पुरारी ।।
चिदानन्दसंदोह मोहापहारी ।
प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी ।।6।।
न यावद् उमानाथपादारविन्दं ।
भजन्तीह लोके परे वा नराणाम् ।
न तावत्सुखं शान्ति सन्तापनाशं ।
प्रसीद प्रभो सर्वभूताधिवासं ।।7।।
न जानामि योगं जपं नैव पूजां ।
नतोऽहं सदा सर्वदा शम्भुतुभ्यम् ।।
जराजन्मदुःखौघ तातप्यमानं ।
प्रभो पाहि आपन्नमामीश शंभो ।।8।।
रुद्राष्टकमिदं प्रोक्तं विप्रेण हरतोषये ।
ये पठन्ति नरा भक्त्या तेषां शम्भुः प्रसीदति ।।9।।
Neha Jain is a festival writer with 7+ years’ experience explaining Indian rituals, traditions, and their cultural meaning, making complex customs accessible and engaging for today’s modern readers.