हिंदू धर्म में तुलसी को देवी के रूप में पूजा जाता है। ऐसा माना जाता है कि जो भक्त सच्चे मन से देवी तुलसी की पूजा करता है, उसके परिवार पर देवी लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि तुलसी की सेवा (Tulsi Puja) कैसे करनी चाहिए और इस दौरान किन नियमों का ध्यान रखना चाहिए।

सबसे पहले तो इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि भूलकर भी रविवार और एकादशी के दिन तुलसी को जल नहीं देना चाहिए और न ही तुलसी के पत्ते (Tulsi Puja) तोड़ना चाहिए। क्योंकि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इन तिथियों पर तुलसी जी भगवान विष्णु के लिए व्रत रखती हैं।
समय-समय पर तुलसी के पत्तों को तोड़कर अलग कर लेना चाहिए। इसके अलावा जब भी आप तुलसी के पत्ते तोड़ें तो पत्ते तोड़ने से पहले तुलसी माता (Tulsi Puja) को प्रणाम करें और तुलसी के पत्ते तोड़ते समय तुलसी के इस ध्यान मंत्र का जाप करें -
महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते।।
मातस्तुलसि गोविन्द हृदयानन्द कारिणी नारायणस्य पूजार्थं चिनोमि त्वां नमोस्तुते ।।
तुलसी के पौधे को हमेशा साफ जगह पर रखना चाहिए। वास्तु शास्त्र में तुलसी का पौधा रखने के लिए पूर्व दिशा को सर्वोत्तम माना गया है। पूर्व दिशा को सकारात्मकता की दिशा माना जाता है। यह भी ध्यान रखें कि तुलसी (Tulsi Puja) को हमेशा सुबह और सूर्यास्त से पहले जल देना चाहिए।
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