आजकल बच्चों की खेलों के प्रति रुचि बढ़ती जा रही है, इसका कारण खेलों का व्यवसायीकरण है क्योकि आजकल खेलों में अच्छा प्रदर्शन नाम, प्रसिद्धि के साथ पैसा कमाने का एक अच्छा साधन है । खेल में निपुण होने के साथ साथ शारीरक बल, मेहनत तथा कुंडली में पाए जाने वाले योग है जो व्यक्ति को उँच्चाईयो तक ले जाते है ।
खेल में अच्छे प्रदर्शन के लिए कुंडली में लग्न भाव, दूसरे भाव, तृतीय भाव, पंचम, नवम, दशम तथा एकादश भाव एवं मंगल, बुध, गुरु, शनि, राहु इत्यादि ग्रह खेल से सम्बन्ध रखते है । इन भावों का तथा इन ग्रहों का आपस में सम्बन्ध जरुरी होता है । मकर, तुला, वृषभ तथा मेष लग्न खिलाड़ियों की कुंडली में अधिकतर पाए जाते है ।
- यदि किसी की तुला लग्न की कुंडली हो और उसमे मंगल उच्च की राशि या स्वराशि में स्थित होकर केंद्र में
स्थित हो तो ऐसा व्यक्ति सफल खिलाड़ी बनता है । वह प्रसिद्धि तथा सम्मान प्राप्त करता है ।
- मकर लग्न में तृतीय भाव व बारहवे भाव का स्वामी गुरु वक्री होकर, नीच का होकर लग्न में स्थित हो और पंचम और नवम भाव पर अपनी मित्र दृष्टि तथा सप्तम भाव पर पूर्ण दृष्टि डाले तो ऐसा जातक अभूतपूर्व सफलताएं हासिल करता है ।
- मकर लग्न में पंचम भाव में चौथे तथा ग्यारहवे भाव का स्वामी स्थित हो तथा छटे भाव में सूर्य और बुध स्थित होकर बुधादित्य योग बनाता है जो खिलाड़ी को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाता है ।
- यदि कुंडली में वृषभ लग्न हो तथा तृतीय भाव में कर्क राशि में केतु, मंगल व बुध की युति हो तो व्यक्ति को
प्रसिद्धि व पहचान मिलती है ।
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