June 24, 2024 Blog

Sawan 2024: 29 दिन, 5 सावन सोमवार, जानें शुभ तिथियां

BY : STARZSPEAK

Sawan 2024: भगवान शिव का सबसे प्रिय महीना सावन जल्द ही शुरू होने वाला है। हिंदू धर्म में श्रावण मास का विशेष स्थान है। इस महीने के सभी दिनों में भगवान शिव और माता पार्वती की बहुत ही भक्तिभाव से पूजा की जाती है। सावन के महीने में भगवान शिव का जलाभिषेक और कावंड़ यात्राएं निकाली जाती हैं। ऐसा माना जाता है कि सावन का महीना भगवान शिव को सबसे प्रिय है और इस महीने में शिव की पूजा करने से सभी प्रकार के सुख मिलते हैं। सावन माह में आने वाले सभी सोमवार का विशेष महत्व होता है। आइए जानते हैं इस साल सावन का महीना कब से शुरू हो रहा है, सावन सोमवार की तारीखें कब हैं और पूजा विधि के बारे में।

सावन माह कब से कब तक

वैदिक कैलेंडर के अनुसार, इस साल सावन (Sawan 2024) का पवित्र महीना 22 जुलाई से शुरू हो रहा है और 19 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा पर समाप्त होगा। 

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SAWAN 2024

सावन शिवरात्रि 2024 कब

सावन माह में पड़ने वाली शिवरात्रि का विशेष महत्व होता है। वैदिक पंचांग के अनुसार इस वर्ष सावन शिवरात्रि 2 अगस्त 2024 को है। सावन शिवरात्रि (Sawan 2024) पर भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की विशेष पूजा की जाती है।

साल 2024 में सावन सोमवार की तिथियां
  • पहला सावन सोमवार व्रत- 22 जुलाई
  • दूसरा सावन सोमवार व्रत- 29 जुलाई
  • तीसरा सावन सोमवार व्रत- 5 अगस्त
  • चौथा सावन सोमवार व्रत- 12 अगस्त
  • पांचवां सावन सोमवव व्रत- 19 अगस्त 
सावन मंगला गौरी व्रत तिथियां 2024

सावन माह में मंगला गौरी व्रत का भी विशेष महत्व है। सावन माह के प्रत्येक मंगलवार को देवी पार्वती के लिए मंगला गौरी व्रत भी रखा जाता है। इस बार सावन माह (Sawan 2024) में 4 मंगला गौरी व्रत होंगे। पहला मंगला गौरी व्रत 23 जुलाई को, दूसरा मंगला गौरी व्रत 30 जुलाई को, तीसरा और चौथा मंगला गौरी व्रत 6 और 13 अगस्त को मनाया जाएगा.

श्रावण माह का महत्व

श्रावण मास में भगवान शिव की पूजा करने से पृथ्वी पर सभी दुखों का शमन हो जाता है। मान्यता है कि इस महीने में की गई शिव पूजा तुरंत शुभ फल देती है। देवी पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर व्रत किया और श्रावण माह (Sawan 2024) में भगवान शिव को वापस पा लिया। भगवान शंकर की भक्तिपूर्वक पूजा करने से सभी मनोकामनाएं शीघ्र पूरी हो जाती हैं। श्रावण मास में शिव भक्तों को ज्योतिर्लिंगों के दर्शन और जलाभिषेक करने से अश्वमेघ यज्ञ के समान फल मिलता है।

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