June 21, 2024 Blog

Chaturmas 2024: चातुर्मास में क्यों नहीं होते हैं मांगलिक कार्य? जानें वजह और महत्व

BY : STARZSPEAK

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, चातुर्मास की शुरुआत देवशयनी एकादशी से होती है, जो कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को समाप्त होता है। इन 4 महीनों के दौरान शुभ कार्यों पर रोक होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि चातुर्मास में शुभ कार्य क्यों नहीं किए जाते? आइए जानते हैं इसके बारे में.

Chaturmas 2024 start date and end date: पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी से चातुर्मास आरंभ होता है, जिसे चौमासा भी कहा जाता है. इसकी अवधि 4 महीने की होती है, जिसमें श्रावण, भाद्रपद, आश्विन और कार्तिक महीने शामिल हैं। इन महीनों में शुभ कार्य नहीं किये जाते हैं। धार्मिक मान्यता है कि चातुर्मास के दौरान सच्चे मन से पूजा-पाठ और जप करने से व्यक्ति को शुभ फल की प्राप्ति होती है। 

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chaturmas 2024
मांगलिक कार्य न होने की ये है वजह

धार्मिक मान्यता के अनुसार, आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को भगवान विष्णु सहित सभी देवी-देवता योग निद्रा में चले जाते हैं और कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी (Chaturmas 2024) को भगवान निद्रा से जागते हैं। इस एकादशी को देवउठनी एकादशी कहा जाता है।

इस दिन शुरू हो रहा चातुर्मास

शास्त्रों के अनुसार आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवशयनी एकादशी कहा जाता है। इस बार चातुर्मास 17 जुलाई से शुरू होगा. इसका समापन 12 नवंबर को होगा.

इन कार्यों पर रहेगी रोक

ज्योतिष शास्त्र में चातुर्मास (Chaturmas 2024) का वर्णन किया गया है। इस दौरान भूमि पूजन, मुंडन, विवाह, तिलक, गृह प्रवेश, उपनयन संस्कार आदि शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। इसके अलावा कोई भी नया काम शुरू नहीं करना चाहिए। इस माह में भजन-कीर्तन करना चाहिए।

खानपान संबंधी नियम

चातुर्मास में सात्विक भोजन का सेवन करना चाहिए। इस दौरान अंडा, मछली, मांस, प्याज और लहसुन सहित तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह स्वास्थ्य और धार्मिक दृष्टि से बेहतर माना जाता है। चातुर्मास (Chaturmas 2024) के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन भी करना चाहिए, क्योंकि इन महीनों में तामसिक प्रवृत्तियां बढ़ जाती हैं और व्यक्ति को गलत रास्ते पर ले जाने की कोशिश करती हैं। 

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