June 14, 2024 Blog

Indore Shani Temple: इस मंदिर में स्वयं प्रकट हुए थे भगवान शनि! 16 शृंगार के बाद होती है पूजा

BY : STARZSPEAK

जूनी शनि मंदिर रवि पुत्र के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। इस मंदिर को लेकर लोगों की अपनी-अपनी मान्यताएं हैं। शनिदेव का यह मंदिर इंदौर में स्थित है। मान्यता है कि यहां दर्शन मात्र (Indore Shani Temple) से ही भक्तों के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। साथ ही जीवन में शुभता आती है तो आइए जानते हैं इससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें -

Indore Shani Temple: शास्त्रों में शनिदेव की पूजा का विशेष महत्व है। मान्यता है कि न्याय के देवता शनिदेव की पूजा करने से जीवन की सभी परेशानियां खत्म हो जाती हैं। आज हम बात करेंगे शनिदेव के एक प्राचीन मंदिर के बारे में, जहां स्वयं रवि पुत्र प्रकट हुए थे। साथ ही वहां उनका सोलह श्रृंगार भी किया जाता है. दरअसल, शनिदेव का यह मंदिर इंदौर में स्थित है। यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पूजा-अर्चना के लिए जुटते हैं, तो आइए जानते हैं इस स्थान से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें -

indore shani temple
ऐसे हुआ था जूनी शनि मंदिर का निर्माण

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जूनी शनि मंदिर (Indore Shani Temple) के बारे में एक कहानी प्रचलित है, जिसमें बताया गया है कि लगभग 300 साल पहले मंदिर के स्थान पर 20 फीट ऊंचा टीला हुआ करता था, जिसके पूर्वज पंडित गोपालदास तिवारी थे। वर्तमान पुजारी का, रहता था. एक बार रात के समय पंडित गोपालदास को स्वप्न में शनिदेव आये और उन्होंने बताया कि उस टीले के अन्दर उनकी मूर्ति दबी हुई है।

शनिदेव की बातें सुनकर पंडित जी ने कहा कि 'वह अंधे होने के कारण यह कार्य करने में असमर्थ हैं', इस पर छाया के पुत्र ने कहा, 'अपनी आंखें खोलो, अब तुम सब कुछ देख पाओगे।'

सपने से जागने के बाद जैसे ही गोपाल दास जी ने अपनी आँखें खोलीं, उनकी आँखों की रोशनी फिर से वापस आ गई, जिसके बाद अब सभी को उनके सपने पर विश्वास हो गया। इसके बाद टीले की खुदाई की गई तो वहां से शनिदेव की मूर्ति मिली। ऐसा माना जाता है कि आज भी वह मूर्ति उस मंदिर में स्थापित है।

इस वजह से शनि देव का होता है राजसिक शृंगार

आपको बता दें, यह शनिदेव के सबसे पुराने मंदिरों (Indore Shani Temple) में से एक है, जहां उनका शाही श्रृंगार किया जाता है। कहा जाता है कि यहां भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसके अलावा गलत काम करने वाले लोगों को सजा भी मिलती है.

जानकारी के लिए बता दें कि उनके गुस्से को शांत रखने के लिए उन्हें शाही अंदाज में सजाया भी जाता है. वहीं, यह एक ऐसा शनि मंदिर है, जहां शनिदेव को तेल के अलावा दूध और जल भी चढ़ाया जाता है। 

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