ज्येष्ठ पूर्णिमा (Jyeshtha Purnima 2024) के दिन देवी लक्ष्मी, भगवान विष्णु और देवी तुलसी की पूजा बहुत शुभ मानी जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह दिन व्रत-उपवास, पूजा-पाठ और दान-पुण्य के लिए बेहद खास होता है। ऐसे में इस दिन जितना हो सके उतना धार्मिक कार्य करें। जानकारी के लिए बता दें कि इस साल ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा 22 जून को मनाई जाएगी.
Jyeshtha Purnima 2024: ज्येष्ठ पूर्णिमा को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। माना जाता है कि इस तिथि पर धरती पर कई तरह की सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे हर किसी के जीवन में चमत्कारी बदलाव देखने को मिलता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु प्रसन्न मुद्रा में होते हैं इसलिए इस दिन सुबह उठकर गंगा स्नान के लिए जाएं। इसके अलावा दान-पुण्य करें और अपने घर या किसी मंदिर में सत्यनारायण कथा का आयोजन करें।ऐसा करने से आपके सारे काम धीरे-धीरे पूरे होने लगेंगे। साथ ही घर में कभी भी पैसों की कमी नहीं होगी। इसके अलावा यह तिथि तुलसी पूजा के लिए भी शुभ मानी जाती है। आपको बता दें, इस बार ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा (Jyeshtha Purnima 2024) 22 जून 2024 को मनाई जाएगी, तो आइए जानते हैं माता तुलसी की पूजा कैसे करें? जानिए उनके बारे में-
व्रत करने वालों को आलस्य छोड़कर सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए। फिर घर और मंदिर की सफाई करें. भगवान शालिग्राम को माता तुलसी के साथ स्थापित करें। उन्हें गंगाजल, पंचामृत और जल अर्पित करें। सिन्दूर, गोपी चन्दन और हल्दी का तिलक लगाएं। तुलसी के पौधे का सोलह श्रृंगार करें। भगवान शालिग्राम (Shaligram) का भी श्रृंगार करें. इसके बाद भगवान शालिग्राम और देवी तुलसी को फूलों की माला चढ़ाएं। देसी घी का दीपक जलाएं और पूजा करें. इसके साथ ही विविध सात्विक भोग, फल, मिठाई आदि अर्पित करें। वैदिक मंत्रों का जाप करें।
पूजा का समापन देवी तुलसी और भगवान विष्णु की आरती के साथ करें। सभी अनुष्ठान पूर्ण करने के बाद प्रसाद वितरित करें। अंत में (Jyeshtha Purnima 2024) पूजा में हुई गलती के लिए क्षमा प्रार्थना करें। भक्त को अगले दिन अपना व्रत तोड़ना चाहिए.
नमो नमस्ते तुलसी पापं हर हरिप्रिये
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