मासिक शिवरात्रि को भगवान शिव (Bhagwan Shiv) का आशीर्वाद पाने के लिए एक शुभ दिन माना जाता है। यह भी माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है। ऐसे में आइए जानते हैं मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा विधि और मंत्र।
वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 06 मई को दोपहर 02:40 बजे शुरू होगी। वहीं यह तिथि 07 मई को सुबह 11:40 बजे समाप्त हो रही है. मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri) के दौरान रात्रि में भगवान शिव की पूजा करने की परंपरा है। ऐसे में मासिक शिवरात्रि व्रत 6 मई, सोमवार को रखा जाएगा।
मासिक शिवरात्रि के दिन सुबह जल्दी उठकर भगवान और माता पार्वती का ध्यान करें। इसके बाद स्नान आदि करने के बाद साफ कपड़े पहनें। सबसे पहले सूर्य देव को जल अर्पित करें और उसके बाद भगवान शिव के साथ-साथ पूरे शिव परिवार की पूजा करें। पूजा के दौरान भगवान शिव का कच्चे दूध, गंगाजल और जल से अभिषेक करें और बेलपत्र, धतूरा, भांग आदि चढ़ाएं। भोग लगाने के बाद भगवान शिव की आरती करें और शिव चालीसा और शिव मंत्रों का जाप करें। शाम को शुभ मुहूर्त में दोबारा भगवान शिव और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा करें और फल से अपना व्रत खोलें।