January 16, 2024 Blog

Masik Durgashtami 2024: मासिक दुर्गाष्टमी पर 'सिद्ध' योग समेत बन रहे हैं ये 6 शुभ योग, प्राप्त होगा कई गुना फल

BY : Neha Jain – Cultural & Festival Content Writer

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इस वर्ष 18 जनवरी को पौष माह की मासिक दुर्गाष्टमी है। इस तिथि पर मां दुर्गा की पूजा की जाती है. साथ ही मां के लिए व्रत भी रखा जाता है. धार्मिक मान्यता है कि मासिक दुर्गाष्टमी (Masik Durgashtami) का व्रत करने से साधक की सभी मनोकामनाएं जल्द से जल्द पूरी हो जाती हैं। साथ ही घर में सुख-समृद्धि और शांति आती है।

Masik Durga Ashtami 2024: सनातन धर्म में शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि आदिशक्ति मां दुर्गा को समर्पित है। इस दिन मासिक दुर्गाष्टमी मनाई जाती है। इस वर्ष 18 जनवरी को पौष माह की मासिक दुर्गाष्टमी है। इस तिथि पर मां दुर्गा की पूजा की जाती है. साथ ही मां के लिए व्रत भी रखा जाता है. धार्मिक मान्यता है कि मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत करने से साधक की सभी मनोकामनाएं जल्द से जल्द पूरी हो जाती हैं। इससे घर में सुख-समृद्धि और शांति भी आती है। ज्योतिषियों के मुताबिक मासिक दुर्गाष्टमी पर दुर्लभ सिद्ध योग समेत 06 शुभ और अद्भुत संयोग बन रहे हैं। इन योगों में मां दुर्गा की पूजा करने से साधक को कई गुना फल मिलेगा। आइए जानते हैं शुभ योग के बारे में-

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MASIK DURGASHTAMI 2024

शुभ योग

ज्योतिषियों के अनुसार मासिक दुर्गाष्टमी पर दुर्लभ सिद्ध योग बन रहा है। इस योग का निर्माण दोपहर 02:48 बजे तक है। इसके बाद साध्य योग बनेगा। पूरे दिन साध्य योग है। इसके अलावा सर्वार्थ सिद्धि योग का भी संयोग बन रहा है। इस योग का निर्माण (Masik Durgastami) सुबह 07 बजकर 15 मिनट से रात 02 बजकर 58 मिनट तक है. इस योग के बाद रवि योग बनेगा।

शुभ करण एवं भद्रावास योग

मासिक दुर्गाष्टमी पर बव और बालव करण दोनों का निर्माण भी हो रहा है। बव करण का निर्माण प्रातः 09.23 बजे से चल रहा है। वहीं बव करण रात्रि 08 बजकर 44 मिनट पर समाप्त होगा। वहीं पौष मासिक दुर्गाष्टमी (Masik Durgastami) तिथि पर सुबह 09.22 बजे तक भद्रा स्वर्ग में रहेगी। इन योगों में जगत जननी मां दुर्गा की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी।

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

  • सूर्योदय - सुबह 07 बजकर 15 मिनट पर
  • सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 48 मिनट पर
  • चन्द्रोदय - सुबह 11 बजकर 53 मिनट पर
  • चंद्रास्त - देर रात 01 बजकर 19 मिनट पर

पंचांग

  • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 27 मिनट से 06 बजकर 21 मिनट तक
  • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 17 मिनट से 02 बजकर 59 मिनट तक
  • गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 46 मिनट से 06 बजकर 19 मिनट तक
  • निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 04 मिनट से 12 बजकर 58 मिनट तक

अशुभ समय

  • राहुकाल - दोपहर 01 बजकर 51 मिनट से दोपहर 03 बजकर 10 मिनट तक
  • गुलिक काल - सुबह 09 बजकर 53 मिनट से 11 बजकर 12 मिनट तक
  • दिशा शूल - दक्षिण

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Author: Neha Jain – Cultural & Festival Content Writer

Neha Jain is a festival writer with 7+ years’ experience explaining Indian rituals, traditions, and their cultural meaning, making complex customs accessible and engaging for today’s modern readers.