September 12, 2023 Blog

Ganesh Chaturthi 2023: कब है गणेश चतुर्थी, जानिए गणपति स्थापना का शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजन विधि

BY : STARZSPEAK

सार

इस वर्ष, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 18 सितंबर 2023 को दोपहर 02 बजकर 9 मिनट पर होगी, और चतुर्थी तिथि 19 सितंबर 2023 को दोपहर 3 बजकर 13 मिनट पर समाप्त हो जाएगी।

Ganesh Chaturthi 2023 : हिंदू कैलेंडर के अनुसार, भाद्रपद माह विशेष रूप से भगवान गणेश की पूजा और आराधना के लिए समर्पित है। हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को पूरे देश में गणेशोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है और यह भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से लेकर अनंत चतुर्दशी तिथि तक गणपति उत्सव का आयोजन किया जाता है। गणेश चतुर्थी के दिन हर घर में भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित की जाती है। इसके अलावा बड़े-बड़े पंडालों में भगवान गणेश की विशाल मूर्ति स्थापित की जाती है और 10 दिनों तक पूजा का आयोजन किया जाता है। वैदिक पंचांग के माध्यम से हम इस वर्ष गणेश चतुर्थी की तिथि, शुभ योग, शुभ समय और पूजा विधि के बारे में जान सकते हैं...

गणेश चतुर्थी तिथि 2023

सनातन धर्म में गणेश चतुर्थी – Ganesh Chaturthi का विशेष महत्व है। वैदिक पंचांग के अनुसार इस वर्ष भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 18 सितंबर 2023 को दोपहर 02:09 बजे शुरू होगी। इसके बाद 19 सितंबर 2023 को दोपहर 3 बजे :13 बजे चतुर्थी तिथि समाप्त हो जाएगी। इसके आधार पर गणेश चतुर्थी और 10 दिवसीय गणेशोत्सव 19 सितंबर को मनाया जाएगा।

गणेश स्थापना का शुभ मुहूर्त
भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को घर-घर में भगवान गणेश की स्थापना करने का महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गणेश चतुर्थी  तिथि पर शुभ मुहूर्त में भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करने से जीवन में सुख-समृद्धि सहित सभी प्रकार के शुभ फल प्राप्त होते हैं। गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश – Ganesh Chaturthi की मूर्ति स्थापित करने के लिए शुभ समय का विशेष ध्यान रखा जाता है। ऐसे में इस साल गणेश मूर्ति स्थापना का शुभ मुहूर्त 19 सितंबर को सुबह 11.07 बजे से दोपहर 01.34 बजे तक रहेगा. ऐसे में आप इस शुभ मुहूर्त के बीच घर पर गणपति बप्पा का स्वागत कर सकते हैं।

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Ganesh Chaturthi
गणेश चतुर्थी का महत्व

भगवान गणेश को हिंदू धर्म में प्रथम पूज्य देवता माना जाता है। किसी भी शुभ और मांगलिक कार्य में सबसे पहले गणेश जी की पूजा और आराधना की जाती है। भगवान गणेश को बुद्धि, सुख-समृद्धि और विवेक का दाता माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान गणेश का जन्म भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि, स्वाति नक्षत्र और सिंह लग्न में दोपहर के समय हुआ था। इसलिए गणेश चतुर्थी – Ganesh Chaturthi के दिन दोपहर के शुभ समय में भगवान गणेश की मूर्ति घर में स्थापित की जाती है। गणेश चतुर्थी तिथि से लेकर अनंत चतुर्दशी तक यानी लगातार 10 दिनों तक भगवान गणेश की पूजा और आराधना की जाती है, जिससे जीवन की सभी कठिनाइयां और परेशानियां दूर हो जाती हैं और सुख-समृद्धि आती है।

गणेश चतुर्थी पूजा विधि

गणेश चतुर्थी के दिन शुभ मुहूर्त को ध्यान में रखते हुए सबसे पहले अपने घर के उत्तर, पूर्व या उत्तर पूर्व भाग में भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करें। फिर पूजा सामग्री लेकर शुद्ध आसन पर बैठ जाएं। पूजा सामग्री में दूर्वा, शमी पत्र, लड्डू, हल्दी, फूल और अक्षत शामिल हैं, जिनसे भगवान गणेश की पूजा की जा सकती है। भगवान गणेश की पूजा केवल दूर्वा से भी की जा सकती है। सबसे पहले भगवान गणेश को आसन पर स्थापित करें और नवग्रह, षोडश मातृका आदि का विमोचन करें। चौकी के पूर्वी भाग में कलश रखें और दक्षिण-पूर्व में दीपक जलाएं। अपने ऊपर जल छिड़कते हुए 'ओम पुण्डरीकाक्षय नम:' कहकर भगवान विष्णु को प्रणाम करें और तीन बार आचमन करें और माथे पर तिलक लगाएं। अगर आपको कोई मंत्र नहीं पता है तो आप 'ओम गं गणपतये नम:' मंत्र का जाप कर सकते हैं, जिससे पूजा संपन्न हो जाएगी. पूजा के दौरान भगवान गणेश को अपने ध्यान में लाएं और मंत्रों का जाप करें। आसन के बाद गणेश जी को स्नान कराएं। यदि पंचामृत उपलब्ध हो तो भी उपयुक्त रहेगा अन्यथा शुद्ध जल से स्नान कराएं। इसके बाद वस्त्र, जनेऊ, चंदन, अक्षत, धूप, दीप, नैवेद्य, फल आदि जो भी संभव हो अर्पित करें। पूजा के बाद इन मंत्रों से गणेश जी की आरती करें और फिर 'ओम एकदंताय विद्महे, वक्रतुंडाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्' मंत्र का जाप करते हुए गंध, अक्षत और पुष्प से गणेश जी की तीन बार परिक्रमा करें।

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