August 8, 2023 Blog

Puri Jagannath Temple: एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल के पीछे छिपी रहस्यमयी कहानियाँ

BY : STARZSPEAK

पुरी जगन्नाथ मंदिर - Puri Jagannath Temple उड़ीसा के मनमोहक प्रदेश में स्थित होने के साथ-साथ भारतीय सांस्कृतिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह धाम भगवान जगन्नाथ को समर्पित है और यहां के प्रतिदिन करीब 10,000 से अधिक भक्त आते हैं जो भगवान के आशीर्वाद का आदर करते हैं। इस लेख में, हम पुरी जगन्नाथ मंदिर के विभिन्न पहलुओं को देखेंगे और जानेंगे कि क्या है इस धाम की खासियत।

जगन्नाथ मंदिर का निर्माण

पुरी जगन्नाथ मंदिर - Puri Jagannath Temple का निर्माण 12वीं सदी में शुरू हुआ था और इसे कोनार्क मंदिर के साथ एक श्रेष्ठ वास्तुकला उदाहरण माना जाता है। मंदिर का निर्माण खंडोजी महाराज ने करवाया था और उसके बाद से ही यह मंदिर हिन्दू धर्म की महत्वपूर्ण धारोहर बन गया है।

मंदिर की वास्तुकला

पुरी जगन्नाथ मंदिर - Puri Jagannath Temple की वास्तुकला भारतीय संस्कृति की गहराईयों में छिपी है। इसका भव्य शिखर, रंग-बिरंगी आकृतियाँ और स्थापत्य वृत्त इस मंदिर को विशेष बनाते हैं। यहां की वास्तुकला के अनुसार मंदिर की मुख्य दिशा उत्तर है, जो विशेष प्रयोजनों की पूर्ति करती है।

जगन्नाथ पुरी मंदिर पर आक्रमण

जगन्नाथ पुरी मंदिर के इतिहास में एक बहुत ही महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटना है, जब 16वीं शताब्दी में मुगल सेनापति कल्पहाड़ ने मंदिर पर हमला किया था। इस हमले में भगवान की भक्ति और सुरक्षा के प्रतीक जगन्नाथ मंदिर के अनुयायियों ने लड़ते हुए अपनी श्रद्धा का प्रदर्शन किया। मुघल सेनापति के प्रयासों के बावजूद, मंदिर के भक्तों ने अपने अदम्य साहस और अनन्त विश्वास से उनकी श्रद्धा की विजय दर्शाई और मंदिर को सुरक्षित रखने में सफलता पाई। इस घटना ने दर्शाया कि जगन्नाथ पुरी मंदिर के प्रति भक्तों की अद्भुत आस्था और संकीर्णता में उनके आत्मविश्वास का प्रतीक था।

जगन्नाथ पुरी मंदिर के दर्शन समय

पुरी जगन्नाथ मंदिर - Puri Jagannath Temple में भगवान के दर्शन के लिए समय बदलता रहता है, जिसे 'आरती' के अनुसार विभाजित किया जाता है। सुबह की पहली आरती सुबह 5:30 बजे होती है और रात्रि की आरती रात 10 बजे होती है। यहां के दर्शन समय को याद रखकर आप भगवान के आशीर्वाद का आदर कर सकते हैं।

जगन्नाथ मंदिर में मनाए जाने वाले त्योहार

मंदिर में कई महत्वपूर्ण त्योहार मनाए जाते हैं जैसे कि रथ यात्रा, स्नान यात्रा, चंदन यात्रा, डोला यात्रा और मकर संक्रांति। इन त्योहारों का आयोजन भगवान के आदर्शन के साथ-साथ आने वाले भक्तों को भी आनंदित करता है।

जगन्नाथ मंदिर की यात्रा
  • रथ यात्रा: पुरी जगन्नाथ मंदिर - Puri Jagannath Temple में भव्य रथ यात्रा का आयोजन हर साल आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को किया जाता है। इसमें भगवान जगन्नाथ की रथ को भक्तों के द्वारा खींचा जाता है और यह सार्वजनिक आकर्षण है।
  • स्नान यात्रा: यह यात्रा आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि को होती है और भगवान के देवी-देवताओं को स्नान कराने के लिए आयोजित की जाती है।
  • चंदन यात्रा: यह यात्रा आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की द्वादशी से शुरू होकर पूर्णिमा तक चलती है और भगवान को चंदन लगाने के लिए आयोजित की जाती है।
  • डोला यात्रा: यह यात्रा फाल्गुण मास में होती है और यहां के दर्शनकर्ताओं को भगवान के डोल में आशीर्वाद प्राप्त होता है।
  • मकर संक्रांति: यह त्योहार पौष मास के मकर संक्रांति के दिन मनाया जाता है और भगवान की दर्शन के साथ-साथ उनके जलाभिषेक का आयोजन किया जाता है।
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Puri Jagannath Temple
पुरी के प्रमुख पर्यटन स्थल

भारतीय सांस्कृतिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा, पुरी, ओडिशा, एक सुंदर और प्राचीन नगर है जिसका पर्यटन अपने विविधता और भूगोलिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है। यहां पर कुछ प्रमुख पर्यटन स्थल हैं जिन्हें खोजकर आप इस शहर की गहराईयों में समाहित हो सकते हैं:

  1. पुरी समुंद्र तट: पुरी की समुंद्र तट कायाकिंडी और स्विमिंग के शौकीनों के लिए एक आकर्षण है। यहां की सुन्दर समुंदर किनारा आपको शांति और आत्मा की पुनरावृत्ति की अनूठी अनुभूति प्रदान करेगा।
  1. सुन तेम्पल: यह विश्वनाथ मंदिर के पास स्थित है और यह भगवान सूर्य की पूजा के लिए प्रसिद्ध है। सुन तेम्पल की शिखर चांदनी में चमकती है और सूर्योदय और सूर्यास्त के समय यहां आरती का आयोजन किया जाता है।
  1. चिलिक झील: पुरी से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित चिलिक झील ओडिशा की एक बड़ी प्राकृतिक झील है। यहां पर आपको बिर्ड वॉचिंग का आनंद लेने का अवसर मिलता है, और आप अनेक प्रजातियों के पक्षियों को देख सकते हैं।
  1. पान्डास म्यूजियम: यह सुंदर म्यूजियम पुरी के अंदर यात्रियों को पुरी के इतिहास, संस्कृति, कला और धरोहर के प्रति अधिक जानकारी प्रदान करता है। यहां आप पुरी के विविध आश्चर्यजनक आदिवासी और कला वस्त्रों का भी आनंद उठा सकते हैं।
  1. जगन्नाथ बीट: यह स्थल जगन्नाथ मंदिर के पास स्थित है और यहां से आपको मंदिर की खूबसूरत दृश्यों का आनंद मिलेगा। आप यहां से प्राचीन और सांस्कृतिक रूपरेखा के साथ-साथ श्रद्धा और आत्मा की अनूठी अनुभूति का भी आनंद ले सकते हैं।

इन प्रमुख पर्यटन स्थलों के साथ, पुरी में और भी अनेक आकर्षण हैं जिन्हें आपके सैरनामे को और भी यादगार बना सकते हैं। पुरी की सुंदर प्राकृतिक सौंदर्य, पारंपरिक संस्कृति और आत्मा की पूरी की अनुभूतियों से जुड़े यात्रीगण के लिए एक स्वर्ग है।

पुरी के श्रेष्ठ होटल

पुरी में अनेक होटल और आवासन विकल्प हैं, जिनमें आप अपने आरामदायक स्थान का चयन कर सकते हैं। कुछ प्रमुख होटलों में मायादीप ब्लू, जैक्सन राजस्थानी, और पुरी गोल्डन संड आदि शामिल हैं।

पुरी जगन्नाथ मंदिर पहुंचने का तरीका
  • ट्रेन से कटक कैसे पहुंचें: कटक पुरी से करीब 60 किलोमीटर की दूरी पर है और यहां से टैक्सी, बस या ट्रेन से आसानी से पहुंचा जा सकता है।
  • सड़क मार्ग से कटक तक कैसे पहुंचें: आगरा, बीकानेर, और बरेली जैसे कई शहरों से पुरी आने के लिए आप सड़क मार्ग का भी उपयोग कर सकते हैं।
  • फ्लाइट से कटक कैसे पहुंचें: बीजुबिहारी आंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा कटक से आसानी से पुरी पहुंचा जा सकता है।
पुरी जगन्नाथ मंदिर का लोकेशन

प्राचीन शहर पुरी, जिसकी समुद्र तट पर सजीवता का संगीत बजता है, यहां भगवान जगन्नाथ के प्रति श्रद्धालुओं के दिलों में निवास करते हैं। यहां स्थित पुरी जगन्नाथ मंदिर  - Puri Jagannath Temple, भारतीय सांस्कृतिक धरोहर का एक महत्वपूर्ण अंग है और हिन्दू धर्म के चार धामों में से एक के रूप में महत्वपूर्ण है।

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Puri Jagannath Temple

  • स्वर्गीय प्राकृतिक सौंदर्य का आद्यतन: पुरी जगन्नाथ मंदिर - Puri Jagannath Temple का स्थान समुद्र तट पर स्थित है, जिससे यह एक आश्चर्यजनक और सुंदर दृश्य प्रस्तुत करता है। समुद्री हवाओं की सुहावनी मिठास और आत्मीयता से भरपूर इस स्थल का दर्शन करने वालों के मनोबल को बढ़ाता है।
  • यातायात के आसान और सहयोगपूर्ण उपाय: पुरी जगन्नाथ मंदिर  - Puri Jagannath Temple का स्थान पुरी शहर के केंद्र में स्थित है, जिससे यातायात की सुविधा और सहयोगपूर्ण उपाय मंदिर के प्रतिष्ठान को और भी महत्वपूर्ण बनाते हैं। प्राकृतिक दृश्यों से घिरे इस स्थल पर आप अपनी यात्रा का आनंद उठा सकते हैं, विशेष रूप से जब आप उसके शांतिपूर्ण और ध्यानयोग्य परिसर में पहुंचते हैं।
महत्वपूर्ण और सहयोगी जानकारी
  • स्थान: पुरी, उड़ीसा, भारत
  • समुद्र तट से दूरी: प्रायः समुद्र तट पर
  • निकटतम हवाई अड्डा: बीजुबिहारी आंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, कटक (करीब 60 किलोमीटर की दूरी)
  • यातायात: टैक्सी, बस, रेल आदि से पहुंच सकते हैं
रोचक तथ्य पुरी जगन्नाथ मंदिर के बारे में
  • पुरी जगन्नाथ मंदिर - Puri Jagannath Temple की मूर्तियां अधूरी हैं, जिसका महत्वपूर्ण रहस्य आज भी अनसुलझा है।
  • यहां की चारीवर्णी प्रथा के अनुसार, सभी वर्णों के भक्त मंदिर में आवाजन देते हैं और यह एकता और समानता की प्रतीक है।
  • जगन्नाथ मंदिर के चार द्वार हैं, जिनमें से एक द्वार केवल भगवान के पूजारियों के लिए होता है।
पुरी जगन्नाथ मंदिर - Puri Jagannath Temple हिन्दू धर्म के एक महत्वपूर्ण धाम के रूप में सभी के लिए आशीर्वाद का स्थल है। 

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