January 16, 2023 Blog

शनि की साढ़ेसाती और ढैया से मुक्ति के लिए करें शनिदेव की आराधना, जानें सम्पूर्ण आरती और सिद्ध मंत्र

BY : Dr. Sandeep Ahuja – Ayurvedic Practitioner & Wellness Writer

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अगर किसी की शनिदेव में आस्था है तो उन्हें शनिवार के दिन उनकी पूजा करनी चाहिए। शनि देव की कृपा हो जाए तो हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त की जा सकती है। शनि देव की शुभ दृष्टि रंका को भी राजा बना सकती है, लेकिन यदि शनिदेव नाराज हो जाएं तो राजा को भी भिखारी बनते देर नहीं लगती। सुख-समृद्धि और सफलता के लिए जरूरी है कि शनि देव की पूरी श्रद्धा से पूजा की जाए और उनके विधि-विधान का पालन किया जाए। शनिवार के दिन उनके मंत्रों का जाप करें और पूजा के अंत में उनकी आरती करें। आइए जानते हैं शनिदेव के कुछ प्रिय मंत्रों के बारे में।      

शनि देव का बीज मंत्र

ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः

 शनिवार को स्नान के बाद शनिदेव का विधिवत पूजन करें और शनि के इस बीज मंत्र का जप करें। इस मन्त्र को शनि देव के बीज मन्त्र और तांत्रिक मंत्र के नाम से जाना जाता है, शनिदेव के इस मन्त्र का जप करने से दुखों और परेशानियों से मुक्ति मिलती है। इस मन्त्र का जाप शनिवार के दिन करना उचित माना गया है, इस दिन शनिदेव की पूजा कर इस मन्त्र का 108 बार जप करें।

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शनि देव का मंत्र
ॐ शः शनिश्चराय नमः 

शनि देव एक शक्तिशाली देवता हैं और यदि आप उनके पसंदीदा मंत्र का 23000 बार जाप करते हैं तो आपके जीवन को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं। इन मंत्रों का जाप करने से हर तरह की समस्या का समाधान हो जाता है। शनिवार के दिन घर में तेल से बने पकवान बनाकर शनि देव को अर्पित करें। फिर उन्हें गरीबों में बांटने के उपरांत पारिवारिक सदस्यों को खिलाएं, अंत में स्वंय ग्रहण करें।

शनिदेव के अन्य सिद्ध मंत्र

ॐ ए ह्रीं श्री शनिश्चराय नमः
कोणस्थ पिंगलों बभ्रु कृष्णो रौद्रोन्तक नमः
सौरी शनिश्चराय: मंद पिप्पलादेन संस्तुतः


शनि देव

शनि देव की आरती
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।
सूरज के पुत्र प्रभु छाया महतारी।।
जय जय श्री शनि देव-।।
श्याम अंक वक्र दृष्टि चतुर्भुज धारी।
नीलाम्बर धार नाथ गज की असवारी।।
जय जय श्री शनि देव -।
क्रीट मुकुट शीश राजित दिपत है लिलारी।
मुक्तन की माला गले शोभत बलिहारी।।
जय जय श्री शनि देव --।
मोदक मिष्ठान पान चढ़त है सुपारी।
लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी।।
जय जय श्री शनिदेव-।
देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरन नर नारी।
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण है तुम्हारी।।
जय जय श्री शनि देव ।
शनि देव की आरती सम्पन्न।।

कैसे करें शनि मंत्रों का जप
शनि की कृपा पाने के लिए शनिवार के दिन सरसों के तेल का दीपक जलाएं और पीपल के पेड़ की पूजा करें। अगर आपको पीपल का पेड़ नहीं मिल रहा है तो आप इसकी जगह शमी के पेड़ की पूजा कर सकते हैं। यह मंत्र शनि के दुर्भाग्य और दुर्भाग्य से मुक्ति दिलाने में सहायक है और शनि को शीघ्र प्रसन्न करने का उपाय है।

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Author: Dr. Sandeep Ahuja – Ayurvedic Practitioner & Wellness Writer

Dr. Sandeep Ahuja, an Ayurvedic doctor with 14 years’ experience, blends holistic health, astrology, and Ayurveda, sharing wellness practices that restore mind-body balance and spiritual harmony.