April 16, 2021 Blog

Chaitra Navratri 2020: इस दिशा में पूजा करने से मिलेगी मां दुर्गा की कृपा

BY : Neha Jain – Cultural & Festival Content Writer

Table of Content

Chaitra Navratri 2021: इस दिशा में पूजा करने से मिलेगी मां दुर्गा की कृपा

इस बात को तो सब जानते ही हैं, कि कोरोना वायरस के चलते लोगों के बीच हड़कप मचा हुआ है। जिसके चलते लोगों को अपने घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो चुका है, लेकिन इसी बीच अच्छी बात ये हैं कि नवरात्रि का शुभ पर्व शुरू हो गया है। ऐसे में माता के भक्त गण इन दिनों का बड़ी बेसब्री से इंतजार करते हैं और ये इंतजार खत्म हो गया है। वहीं कोरोना वायरस के चलते लोग मंदिरों में तो नहीं जा सकते हैं, किंतु अपने घरों में पूरी तरह से माता का आवाहन कर सकते हैं। वहीं वास्तु के हिसाब मंदिर को सजाने से व्यक्ति की हर इच्छा को माता पूर्ण कर देती हैं। इसी के चलते आज हम आपको वास्तु के अनुसार सही दिशा के बारे में बताने जा रहे हैं। यानि कि किस दिशा में
पूजा करने से आपको मिल सकता है दौगुना लाभ, आइए जानते हैं।

chaitra navratri
वास्तु शास्त्र के अनुसार माता की मूर्ति और कलश स्थापना दोनों ही घर के ईशान कोण, यानि कि उत्तर-पूर्व दिशा
में करनी चाहिए और मूर्ति स्थापना के लिए लकड़ी की चौकी का इस्तेमाल करना चाहिए। वहीं अगर चन्दन की
लकड़ी से बनी चौकी मिल जाए तो और भी अच्छा है। लेकिन इसके साथ ही ध्यान रहे कि मूर्ति स्थापना कभी भी
शौचालय या बाथरूम के पास नहीं करनी चाहिए। वरना इसके अशुभ परिणाम आपको भुगतने पड़ सकते हैं।

वास्तु के अनुसार देवी की उपासना के दौरान अपना मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखना चाहिए। पूर्व दिशा में मुंह
करके पूजा करने से ज्ञान की प्राप्ति होती है और उत्तर दिशा में पूजा करने से व्यक्ति को धन-धान्य का लाभ मिलता
है। इसके साथ ही माता का आशीर्वाद भी प्राप्त होता रहता है।
अगर आप घर में अखंड ज्योति जला रहे हैं तो उसका मुख उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए। इसके साथ ही उस
ज्योति का ध्यान भी रखते रहें और समय-समय पर घी डालते रहें।

Also read-Shailputri Mata – Navratri First Day

Author: Neha Jain – Cultural & Festival Content Writer

Neha Jain is a festival writer with 7+ years’ experience explaining Indian rituals, traditions, and their cultural meaning, making complex customs accessible and engaging for today’s modern readers.