By: Starzspeak
भारत एक ऐसा देश है जहां के इतिहास के पन्नों को देखा जाए तो पता चलता है कि देश में कितने ज्ञानी लोगों ने जन्म लिया और धीरे धीरे लोगों की बीमारियों के इलाज के लिए अलग अलग औशधियां भी अस्तित्व में आने लगीं. इसी कड़ी में आज भले ही हम सब समय के साथ बदल रहे हैं लेकिन आज की दुनिया में भी औशधियां कई तरह से आपके जीवन को सुचारू रूप से चलाने में मददगार साबित हो सकती हैं और अगर आपको विश्वास न हो तो आप खुद इस खबर को पढ़ने के बाद ये फैसला कर सकते हैं.
आज के वक्त में जब ज्यादातर नौकरियां केवल 9 घंटे तक एक ही स्थान पर बैठे रहने की होती हैं. ऐसे में मनुष्क को सबसे ज्यादा परेशानी अपने बढ़ते वजन को लेकर होती है जिसके लिए वह कई तरह के तरीके अपनाता है लेकिन अगर आप भी इस तरह का कोई तरीका अपनाने की सोच रहे हैं तो चलिए आपको उन 5 औशधियों के बारे में बताते हैं जिनसे आपको इस स्थिति में बेहद लाभ भी मिलेगा और आपका वजन भी कम होगा.
दरअसल, पेट की वसा से छुटकारा पाना बहुत ही मुश्किल काम होता है. हालांकि, आयुर्वेद के द्वारा पेट से जिद्दी वसा को कम किया जा सकता है, बल्कि यह वजन को कम करने के प्राकृतिक तरीके भी प्रदान करते हैं. आयुर्वेद का मानना है कि हमारा वजन उन कारकों की वजह से बढ़ता है जिनमें व्यायाम की अनुपस्थिति, अधिक नींद, अस्वस्थ आहार और खराब जीवनशैली शामिल होती है.
ये सभी कारक एक-दूसरे से जुड़ते हैं, जिससे विशेष रूप से पेट के आसपास वसा का जमाव होने लगता है जो मोटापे का कारण बनता है.
गुगुल
गुगुल हर्बल उपचार है जिसे लंबे समय से विभिन्न आयुर्वेदिक दवाओं में उपयोग किया जाता आ रहा है. गुगुल में एक पौधे स्टेरोल होता है जिसे गुगुलस्टरोन कहा जाता है जिसे शरीर के चयापचय को उत्तेजित करके वजन घटाने को बढ़ावा दिया जाता है. इसके अलावा, यह एक प्राकृतिक रूप से कोलेस्ट्रॉल को कम करने वाली औषधि के रूप में भी मशहूर है. गुगुल चाय को कई तरीकों से प्रभावी माना जाता है.
मेथी
वजन घटाने में मदद करने के लिए मेथी का विकल्प सबसे अच्छा माना जाता है. यह पाचन का समर्थन करता है. गैलेक्टोमन, जो कि मेथी में पाया जाने वाला एक पानी घुलनशील घटक है. यह बार-बार भूख लगने की आपकी इच्छाओं को रोकने में मदद करता है और लंबे समय तक पेट भरा रखता है. आपको बस कुछ मेथी बीजों को भूनना है और उन्हें पाउडर के रूप में तैयार करना है. पानी के साथ कुछ पाउडर को रोज सुबह खाली पेट खाने से आपको कुछ वक्त में खुद ही फर्क दिखने लगेगा.
त्रिफला
त्रिफला शरीर से विषाक्त पदार्थों को खत्म करने में मदद करता है और पाचन तंत्र को फिर से जीवंत करता है. त्रिफला एक प्राचीन औषधि है जिसमें तीन सूखे फलों का मिश्रण होता है, जिनमें अमालाकी (आमला), बिबिताकी और हरितकी शामिल हैं. आयुर्वेद विशेषज्ञ इसे रात्रिभोज के बाद कम से कम दो घंटे और नाश्ते से आधे घंटे पहले गर्म पानी में के सेवन की सलाह देते हैं.
विजयसार
यह एक पर्णपाती पेड़ है, जिसकी छाल मधुमेह और मोटापे का प्रबंधन करने के लिए विभिन्न आयुर्वेदिक दवाओं में प्रयोग की जाती है. कहा जाता है कि विजयसार में वसा कम करने वाले गुण होते हैं जो पेट की वसा को बहाल करने में मदद करते हैं. इसके अलावा, एक स्वस्थ पाचन तंत्र सुनिश्चित करने के लिए राल और छाल का उपयोग किया जाता है. प्रभावी परिणाम प्राप्त करने के लिए आप विजयसार का उपयोग करके हर्बल चाय पी सकते हैं.
दालचीनी
दालचीनी शरीर के चयापचय को उत्तेजित करने में मदद करती है, जो पेट की चर्बी को काटने में मदद करती है. जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन साइंस एंड विटामिनोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, दालचीनी में मौजूद सिनामाल्डेहाइड फैट को कम करने में मदद करते हैं.