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आजकल के ज़माने में हर दूसरा व्यक्ति जमीन-जायदाद में निवेश करके धन कमाने का इच्छुक होता है लेकिन जरुरी नहीं की हर किसी को प्रॉपर्टी में निवेश करके लाभ हो । प्रॉपर्टी और ज्योतिष का बहुत गहरा सम्बन्ध है, किस व्यक्ति को प्रॉपर्टी में निवेश करके फायदा होगा या नुकसान ये उसकी कुंडली के ग्रहों और भावों पर निर्भर करता है और इसीलिए प्रॉपर्टी मेंनिवेश करने से पहले जरुरी है की आप अपनी कुंडली के ग्रहों के बारे में जान ले ।
किसी भी व्यक्ति की कुंडली के चतुर्थ भाव को देखकर उसकी जमीन-जायदाद के बारे में ज्ञात होता है, यदि चतुर्थ भाव तथा उसका स्वामी ग्रह शुभ राशि में हो, उसपर किसी अशुभ ग्रह की दृष्टि न हो और कोई शुभ ग्रह उसे देखे तो सम्भावना होती है की उस व्यक्ति को प्रॉपर्टी में निवेश करने से शुभ फल प्राप्त होंगे । कुंडली में चतुर्थ भाव, चतुर्थेश और मंगल ग्रह की यदि शुभ स्थान पर है तो प्रॉपर्टी सम्बंधित व्यापर में मुनाफा दर्शाता है । यदि चतुर्थ भाव का स्वामी और मंगल उच्च स्वग्रही अथवा मूल त्रिकोण का होकर शुभ युति में हो तो यह भूमि संबंधी व्यापार से धन लाभ और धन वृद्धि दर्शाता है ।
यदि किस व्यक्ति की कुंडली में मंगल की स्थिति बहुत मजबूत हो, मंगल का चतुर्थ भाव या इसके स्वामी से सम्बन्ध हो, कुंडली में अग्नि तत्त्व की मात्रा मजबूत हो अथवा मूलांक 01, 04, 08या ०९ हो तो ऐसी स्थिति में व्यक्ति को भूमि में निवेश करने से मुनाफा होता है । यदि व्यक्ति की कुंडली में चतुर्थेश केंद्र में हो और गुरु ग्रह के साथ बैठा हो तो जमीन जायदाद से धन लाभ के शुभ योग बनते हैं । यदि कुंडली में चतुर्थ भाव का स्वामी दशम भाव में और दशम भाव का स्वामी चतुर्थ भाव में हो तो यह प्रॉपर्टी में निवेश से लाभ का संकेत देता है ।