Ashadha Purnima 2024: आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को 'आषाढ़ पूर्णिमा' कहा जाता है। आषाढ़ पूर्णिमा को सभी महीनों की पूर्णिमाओं में सबसे खास माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ देवी लक्ष्मी की भी पूजा करने की परंपरा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन महर्षि वेदव्यास जी का जन्म हुआ था, इसलिए इसे व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि महर्षि वेद व्यास को दुनिया का पहला गुरु माना जाता है। उन्होंने हिंदू धर्म की संस्कृति में बहुत विशेष योगदान दिया है। इस तिथि पर अपने देवी-देवताओं के साथ-साथ अपने गुरुओं की पूजा करना भी बहुत शुभ होता है।
आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 20 जुलाई को शाम 05:59 बजे शुरू होगी. इसका समापन 21 जुलाई 2024 को दोपहर 3 बजकर 46 मिनट पर होगा. ऐसे में आषाढ़ पूर्णिमा 21 जुलाई 2024 को मनाई जाएगी. इस दौरान चंद्रोदय का समय शाम 6.47 बजे है.
आषाढ़ पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करना चाहिए। इससे जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। इसके बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें। फिर लक्ष्मी जी और भगवान विष्णु की पूजा करें। पूजा में चंदन और हल्दी का प्रयोग करना शुभ होता है। इस दौरान 'ओम नमो: भगवते वासुदेवाय नम:' मंत्र का 108 बार जाप करें। इसके बाद शाम को चंद्रमा को अर्घ्य दें। इससे जीवन में हमेशा खुशियां बनी रहती हैं।
ॐ ऐं क्लीं सोमाय नम:।।
ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम:।।
चंद्र देव को नमस्कार करने का मंत्र
दधिशंख तुषाराभं क्षीरॊदार्णव संभवम्।
नमामि शशिनं सॊमं शम्भोर्मकुट भूषणम्॥
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