इस माह आषाढ़ अमावस्या (Ashadha Amavasya 2024) 5 जुलाई यानी आज मनाई जा रही है। मान्यता है कि इस अवसर पर पितरों की पूजा और तर्पण अवश्य करना चाहिए। इससे उसकी आत्मा को मोक्ष मिलता है। इसके अलावा इस अवसर पर दान, गंगा स्नान आदि करना चाहिए। ऐसा करने से जीवन की सभी बाधाएं समाप्त हो जाती हैं। इससे जीवन में खुशियां आती हैं।
आषाढ़ मास में पड़ने वाली अमावस्या का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि इस दिन कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। हालाँकि यह तिथि धार्मिक कार्यों के लिए बहुत शुभ मानी जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह दिन पवित्र नदियों में स्नान, कालसर्प दोष (Kaal sarp dosh), शनि दोष (Shani dosh), गृह दोष निवारण, पितरों को तर्पण और दान आदि के लिए अच्छा माना जाता है। तो आइए जानते हैं कैसे करें पितृ तर्पण. इसके बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं?
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पितामहेभ्य:स्वधायिभ्य:स्वधा नम:।
प्रपितामहेभ्य:स्वधायिभ्य:स्वधा नम:।
सर्व पितृभ्यो श्र्द्ध्या नमो नम:।।
पितर: शोषाय नमो व:
पितरो जीवाय नमो व:
पीतर: स्वधायै नमो व:
पितर: पितरो नमो वो
गृहान्न: पितरो दत्त:सत्तो व:।।
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