नवरात्रि के आठवे दिन माँ जगदम्बा का महागौरी स्वरूप का पूजन किया जाता है | माँ महागौरी श्वेत वृषभ पर आरूढ़ रहती है और श्वेत वस्त्र धारण करती है | हाथ में त्रिशूल और कमल का पुष्प धारण करती है | चतुर्भुजी माँ महागौरी के अन्य दो हाथ वरमुद्रा और अभयमुद्रा में रहते है | माँ जगदम्बा के गौर और कांतिमय स्वरूप के कारण ही उन्हें महागौरी नाम से सम्बोधित किया जाता है | कठोर तप के कारण माँ जगदम्बा का वर्ण काला पड़ गया था जिस कारण भगवान शिव ने माँ जगदम्बा पर माँ गंगा की जल धारा डाल कर माता को सुंदर और कांतिमय गौर वर्ण प्रदान किया | माँ की कृपा से भक्तो को अक्षय पुण्यो का फल प्राप्त होता है | माँ महागौरी की पूजा आराधना करने से गृहस्थ जीवन सुखी एवं समृद्ध होता है | माँ महागौरी की कृपा से अविवाहित कन्याओं एवं युवको के विवाह में आ रही बाधा दूर होती जाती है | माँ महागौरी की आराधना से दैहिक दैविक ताप समाप्त हो जाते है और मानसिक एवं शारीरिक शान्ति प्राप्त होती है |
Neha Jain is a festival writer with 7+ years’ experience explaining Indian rituals, traditions, and their cultural meaning, making complex customs accessible and engaging for today’s modern readers.