अपने पूर्वजों को सम्मान देने के लिए पहले घरों में पितरों की तस्वीरें लगाई जाती थी, हम अपने बच्चों को बचपन से संस्कार देते है तथा उन्हें अपने पूर्वजों के चित्रों के माध्यम से उन्हें उनके बारे में बताते थे, आजकल आधुनिकता के युग में हम यह सब भूलते जा रहे है । पितरों की तस्वीर घर में लगाने से उनकी कृपा - दृष्टि बनी रहती है तथा उनका आशीर्वाद प्राप्त होता रहता है ।
तस्वीर लगाते समय कुछ सावधानियाँ जरूर रखनी चाहिए क्योकि गलत जगह पर तस्वीर लगाने से हमें अशुभ परिणाम मिल सकते है । पूर्वजों की फोटो कभी भी देवताओं के साथ नहीं लगानी चाहिए, हमारे पूर्वज सम्मानीय होते है लेकिन वह देवताओं का स्थान नहीं ले सकते ।
कभी भी भूलकर भी सोने के कमरे में और पूजा करने के स्थान पर पूर्वजों के चित्र नहीं लगाने चाहिए, यह अपशगुन माना जाता है । इसी प्रकार मंदिर में भी पूर्व की तस्वीर न लगाए, यह देवताओं का अपमान माना जाता है ।
रसोई में भी अपने पितरों की फोटो नहीं लगानी चाहिए, यदि घर में पूजा करने का स्थान ईशान कोण में है तो पितरों की तस्वीर पूर्व में लगानी चाहिए और यदि पूजा का स्थान पूर्व में है तो तस्वीर ईशान कोण में लगानी चाहिए । कभी भी घर के बीचो बीच पूर्वजों की तस्वीर नहीं लगानी चाहिए क्योकि ऐसा करने से उस परिवार के सदस्यों की मानहानि होने की सम्भावना रहती है ।