August 29, 2025 Blog

Ganesh Vandana Lyrics: गणेश वंदना का पाठ करने से मिलती है मन को शांति और विशेष कृपा

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Ganesh Vandana Lyrics in Hindi: गणेश चतुर्थी का पावन त्योहार भगवान श्री गणेश को समर्पित है। यह उत्सव पूरे भारतवर्ष में भक्ति, उल्लास और आस्था के साथ मनाया जाता है। गणपति बप्पा को ‘विघ्नहर्ता’ और ‘प्रथम पूज्य’ का दर्जा प्राप्त है, यानी हर शुभ कार्य की शुरुआत उनके स्मरण से ही की जाती है। मान्यता है कि गणेश जी की उपासना करने से जीवन की सभी बाधाएँ दूर होती हैं और सुख, समृद्धि तथा सफलता का मार्ग प्रशस्त होता है।

गणेश वंदना और चालीसा का पाठ (Recitation of Ganesh Vandana and Chalisa)

भगवान गणेश की आराधना करते समय उनकी वंदना और चालीसा का पाठ विशेष महत्व रखता है। ऐसा माना जाता है कि बिना इनके पाठ के पूजा अधूरी मानी जाती है। ये स्तुति-पाठ न केवल सरल हैं बल्कि अत्यंत प्रभावशाली भी हैं। कोई भी भक्त इन्हें रोज़ाना या विशेषकर बुधवार और गणेश चतुर्थी जैसे शुभ अवसरों पर पढ़ सकता है।

गणेश वंदना (Ganesh Vandana) और चालीसा के माध्यम से मन एकाग्र होता है और व्यक्ति को मानसिक शांति प्राप्त होती है। इसके साथ ही यह आत्मबल को मजबूत करता है और जीवन की चुनौतियों का सामना करने की शक्ति देता है। नियमित रूप से इनका पाठ करने से घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है, आर्थिक उन्नति के मार्ग खुलते हैं और कार्यों में आने वाली बाधाएँ स्वतः दूर होने लगती हैं।

यह भी कहा जाता है कि गणपति की वंदना (Ganpati Vandana) करने से न केवल भक्त के जीवन से विघ्न हटते हैं, बल्कि वह विद्या, बुद्धि और विवेक का आशीर्वाद भी प्राप्त करता है। इसलिए चाहे दिन की शुरुआत हो या किसी विशेष कार्य का शुभारंभ, गणेश वंदना और चालीसा का पाठ अवश्य करना चाहिए।


!! गणेश वंदना के बोल !!


!! Ganesh Vandana Lyrics !!


गाइये गणपति जगवंदन ।
शंकर सुवन भवानी नंदन ॥

सिद्धी सदन गजवदन विनायक ।
कृपा सिंधु सुंदर सब लायक ॥
गाइये गणपति जगवंदन ।
शंकर सुवन भवानी नंदन ॥


मोदक प्रिय मृद मंगल दाता ।
विद्या बारिधि बुद्धि विधाता ॥ 
गाइये गणपति जगवंदन ।
शंकर सुवन भवानी नंदन ॥

मांगत तुलसीदास कर जोरे ।
बसहिं रामसिय मानस मोरे ॥
गाइये गणपति जगवंदन ।
शंकर सुवन भवानी नंदन ॥

॥ श्री गणेशाय नमः॥

ganesh vandana

भगवान गणेश की आरती का महत्व (Importance of Lord Ganesha Aarti) 

हिंदू शास्त्रों में भगवान गणेश को प्रथम पूज्य देवता माना गया है। मान्यता है कि उनकी आराधना करने से जीवन के सभी विघ्न दूर हो जाते हैं और हर कार्य निर्विघ्न रूप से पूरा होता है। जो भक्त निष्ठा और श्रद्धा के साथ गणपति की नियमित पूजा करते हैं, उन्हें बुद्धि, वाणी और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

शास्त्रों के अनुसार भगवान गणेश की पूजा के बाद धूप-दीप से उनकी आरती करना अत्यंत शुभ फलदायी माना जाता है। खासकर गणेशोत्सव के दिनों में भक्तजन पूरे विधि-विधान से बप्पा की आरती कर अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हैं। लेकिन यह भी कहा गया है कि यदि रोज़ाना भगवान गणेश की आरती (Ganesh Aarti) की जाए तो जीवन में आने वाली कठिनाइयाँ स्वतः समाप्त हो जाती हैं और हर कार्य सफलता की ओर अग्रसर होता है।

गणपति की आरती केवल पूजा का हिस्सा नहीं, बल्कि आत्मिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करने का साधन भी है। यह भक्त के मन को स्थिर करती है और परिवार में सुख-शांति बनाए रखती है।



गणेश आरती : सुखकर्ता दुखहर्ता

Ganesha Aarti Lyrics

सुख करता दुखहर्ता, वार्ता विघ्नाची ।
नूर्वी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची ।
सर्वांगी सुन्दर उटी शेंदु राची ।
कंठी झलके माल मुकताफळांची ।
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति ।
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति ।।1।।
जय देव जय देव..
रत्नखचित फरा तुझ गौरीकुमरा ।
चंदनाची उटी कुमकुम केशरा ।
हीरे जडित मुकुट शोभतो बरा ।
रुन्झुनती नूपुरे चरनी घागरिया ।
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति ।
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति ।।2।।
जय देव जय देव..
लम्बोदर पीताम्बर फनिवर वंदना ।
सरल सोंड वक्रतुंडा त्रिनयना ।
दास रामाचा वाट पाहे सदना ।
संकटी पावावे निर्वाणी रक्षावे सुरवर वंदना ।
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति।
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति ।।3।।
जय देव जय देव..
शेंदुर लाल चढायो अच्छा गजमुख को ।
दोन्दिल लाल बिराजे सूत गौरिहर को ।
हाथ लिए गुड लड्डू साई सुरवर को ।
महिमा कहे ना जाय लागत हूँ पद को ।
जय जय जय जय जय
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता ।
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता ।।4।।
जय देव जय देव….

अष्ट सिधि दासी संकट को बैरी ।
विघन विनाशन मंगल मूरत अधिकारी ।
कोटि सूरज प्रकाश ऐसे छबी तेरी ।
गंडस्थल मद्मस्तक झूल शशि बहरी ।
जय जय जय जय जय ।
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता ।
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता ।।5।।
जय देव जय देव..

भावभगत से कोई शरणागत आवे ।
संतति संपत्ति सबही भरपूर पावे ।
ऐसे तुम महाराज मोको अति भावे ।
गोसावीनंदन निशिदिन गुण गावे ।
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता ।
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता ।।6।।
जय देव जय देव..

॥ श्री गणेशाय नमः॥

गणेश जी की पूजा के लाभ (Benefits of worshiping Ganesha)

भगवान श्री गणेश को बुद्धि, विवेक, ज्ञान, यश और बल का अधिष्ठाता माना जाता है। कहते हैं कि जो भी भक्त सच्चे मन से उनकी उपासना करता है, उसे मानसिक शांति, सम्मान और विद्या की प्राप्ति होती है। जीवन में बार-बार आने वाली बाधाएँ, रुकावटें या असफलताएँ भी गणेश जी की कृपा से दूर हो जाती हैं। इसलिए उन्हें ‘विघ्नहर्ता’ यानी विघ्नों को हरने वाला कहा गया है।

गणपति बप्पा की पूजा न केवल व्यक्तिगत जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है, बल्कि घर-परिवार में सुख-समृद्धि और सौहार्द भी बढ़ाती है। व्यवसाय या नौकरी में तरक्की, पढ़ाई में सफलता, और नए कार्यों की शुभ शुरुआत के लिए गणेश जी की आराधना विशेष रूप से फलदायी मानी जाती है।

शास्त्रों में यह भी उल्लेख है कि श्री गणेश की वंदना (Ganesh ji ki Vandana) करने से स्मरणशक्ति प्रखर होती है, आत्मविश्वास बढ़ता है और मन में स्थिरता आती है। यही कारण है कि किसी भी धार्मिक अनुष्ठान या शुभ कार्य की शुरुआत ‘गणपति पूजन’ से की जाती है।

गणेश उत्सव का महत्व (Importance of Ganesh Utsav)

गणेश चतुर्थी का शुभ पर्व दस दिनों तक चलने वाला अद्भुत उत्सव है, जो पूरे वातावरण को भक्ति और आनंद से भर देता है। इन पावन दिनों में भक्तजन घरों और पंडालों में गणपति बप्पा की मूर्तियों की स्थापना कर बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ उनकी पूजा-अर्चना करते हैं।

हर दिन आरती, चालीसा और गणेश वंदना के स्वर गूंजते हैं, जिससे वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा फैलती है और घर-परिवार में सुख-शांति, सौभाग्य और समृद्धि का वास होता है। यह पर्व सिर्फ धार्मिक आस्था तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज को एकजुट करने और उत्साह व उमंग का संदेश भी देता है।


बुधवार को गणेश जी की पूजा का महत्व (Importance of worshipping Ganesha on Wednesday)

हिंदू परंपरा में बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित माना गया है। मान्यता है कि इस दिन श्रद्धापूर्वक गणपति की पूजा करने से विशेष कृपा प्राप्त होती है। यदि कोई भक्त हर बुधवार को गणेश जी की वंदना या चालीसा (Ganesh Vandana Or Chalisa) का पाठ करता है, तो उसके जीवन में रुकावटें दूर होती हैं, अधूरे कार्य पूरे होते हैं और सफलता के नए मार्ग खुलते हैं।

निष्कर्ष (Conclusion)

भगवान गणेश की पूजा, वंदना (Ganesh Vandana) , चालीसा और आरती केवल धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि जीवन को सकारात्मकता और संतुलन से भरने का एक माध्यम है। गणेश जी को प्रथम पूज्य और विघ्नहर्ता माना जाता है, इसलिए उनकी आराधना से हर कठिनाई सरल हो जाती है और सफलता के नए मार्ग खुलते हैं। चाहे गणेश चतुर्थी का उत्सव हो या बुधवार का विशेष दिन, श्रद्धा से की गई पूजा मन और आत्मा दोनों को शांति देती है। नियमित रूप से गणपति की वंदना और आरती करने से घर-परिवार में सुख, समृद्धि और मंगलमय वातावरण बना रहता है। इस प्रकार गणेश जी की भक्ति न केवल आध्यात्मिक लाभ देती है बल्कि जीवन को स्थिरता, ज्ञान और ऊर्जा से भी परिपूर्ण करती है।