पुखराज, जिसे अंग्रेज़ी में येलो सैफायर (Yellow Sapphire) कहा जाता है, एक बहुमूल्य रत्न है जो ज्योतिष शास्त्र में बृहस्पति ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है। यह रत्न नवग्रहों में सबसे प्रभावशाली माने जाने वाले ग्रह 'बृहस्पति' की शक्ति को धारक तक पहुंचाता है। बृहस्पति को ज्ञान, समृद्धि, धर्म, विवाह और संतान से संबंधित मामलों का कारक माना गया है। ऐसे में पुखराज रत्न (Pukhraj Stone) इन सभी क्षेत्रों में सकारात्मक परिणाम दिलाने में सहायक हो सकता है, बशर्ते इसे सही व्यक्ति, सही समय और विधि से पहना जाए।
प्राचीन भारतीय ग्रंथों जैसे कि बृहत्संहिता, गरुड़ पुराण और रत्न शास्त्र में पुखराज (Pukhraj Stone) का विस्तार से उल्लेख मिलता है। इसे बुद्धि, धर्म, शिक्षकत्व और आध्यात्मिक उन्नति का प्रतीक माना गया है। इतिहास में यह रत्न विद्वानों, राजाओं और धर्मगुरुओं द्वारा धारण किया जाता रहा है, क्योंकि यह निर्णय क्षमता, मानसिक संतुलन और ज्ञानवर्धन में सहायक माना गया है।
ज्योतिष के अनुसार, जब किसी व्यक्ति की कुंडली में बृहस्पति शुभ स्थान में होता है या उसकी दशा-अंतरदशा चल रही होती है, तब पुखराज पहनना विशेष रूप से लाभकारी सिद्ध होता है।
पुखराज रत्न मुख्य रूप से पीले रंग का होता है। इसका रंग हल्के पीले से लेकर गहरे सुनहरे तक हो सकता है। एक उच्च गुणवत्ता वाला पुखराज पारदर्शी, चमकदार और बिना किसी दरार या दाग के होता है। इसकी कठोरता अधिक होती है और यह लंबे समय तक अपनी आभा बनाए रखता है। पुखराज (Pukhraj Stone) को धारण करने से यह व्यक्ति की आंतरिक ऊर्जा को संतुलित करता है और सकारात्मक प्रभाव उत्पन्न करता है।
पुखराज छात्रों और ज्ञान के क्षेत्र में कार्य करने वाले लोगों के लिए अत्यंत लाभकारी होता है। यह रत्न एकाग्रता, स्मरण शक्ति और निर्णय क्षमता को बढ़ाता है। प्रतियोगी परीक्षाओं या उच्च शिक्षा में सफलता पाने की इच्छा रखने वाले विद्यार्थियों को यह रत्न (Pukhraj Stone) विशेष लाभ पहुंचा सकता है।
व्यवसायियों, निवेशकों और नौकरीपेशा लोगों के लिए पुखराज स्थिरता और आर्थिक समृद्धि का कारक माना गया है। यह व्यापार में प्रगति, नौकरी में उन्नति और धन संग्रह में सहायक हो सकता है।
जिन लोगों की शादी में बार-बार अड़चनें आ रही हों या वैवाहिक जीवन में तनाव हो, उनके लिए पुखराज (Pukhraj Stone) धारण करना लाभदायक सिद्ध हो सकता है। यह प्रेम, समझदारी और आपसी तालमेल को बढ़ाता है, जिससे रिश्तों में स्थिरता आती है।
पुखराज (Pukhraj Stone) उन दंपतियों के लिए उपयोगी माना गया है जो संतान सुख की प्राप्ति के लिए प्रयासरत हैं। यह प्रजनन संबंधी समस्याओं में सहायक हो सकता है और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है।
जो व्यक्ति ध्यान, साधना या पूजा-पाठ में लगे हुए हैं, उनके लिए पुखराज मानसिक स्थिरता और एकाग्रता को बढ़ाता है। यह आंतरिक शांति और आत्मिक विकास में मदद करता है।
पुखराज (Pukhraj Stone) अत्यधिक शक्तिशाली रत्न है और यदि इसे बिना ज्योतिषीय परामर्श या गलत तरीके से पहना जाए, तो यह हानि भी पहुंचा सकता है। इसके संभावित दुष्परिणामों में मानसिक बेचैनी, पाचन संबंधी समस्याएं और आर्थिक नुकसान शामिल हो सकते हैं। इसलिए इसे पहनने से पहले कुंडली की ठीक से जांच करवाना आवश्यक है।
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रत्न ज्योतिष के अनुसार, पीला पुखराज यदि 7 या 12 कैरेट का हो तो इसे पहनना शुभ माना जाता है। इसे सोने की अंगूठी में बनवाकर पहनना श्रेष्ठ होता है, क्योंकि सोना इसके प्रभाव को और भी अधिक सकारात्मक बनाता है।
विशेष ध्यान देने योग्य बात यह है कि पुखराज का वजन 6, 11 या 14 रत्ती नहीं होना चाहिए, क्योंकि ये माप शुभ नहीं माने जाते। इसे हमेशा मध्यमा यानी हाथ की तीसरी उंगली में धारण करना चाहिए, जिससे यह अपने संपूर्ण प्रभाव में काम कर सके।
यदि किसी कारणवश आप पुखराज नहीं पहन पा रहे हैं, तो इसकी जगह सुनहला रत्न (Yellow Sapphire Substitute) भी धारण किया जा सकता है, जो कुछ हद तक समान लाभ देता है।
पुखराज धारण करने का सबसे शुभ दिन गुरुवार होता है। इसे सुबह 6 से 8 बजे के बीच धारण करना श्रेष्ठ माना गया है।
पुखराज एक प्राकृतिक रत्न होना चाहिए। बाजार में कृत्रिम या सिंथेटिक पुखराज भी उपलब्ध होते हैं, जो कि प्रभावी नहीं होते।
पुखराज (Pukhraj Stone) एक ऐसा रत्न है जो न केवल ज्योतिषीय दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की शक्ति भी रखता है। यह शिक्षा, करियर, विवाह, संतान सुख और आध्यात्मिक उन्नति जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में लाभ पहुंचा सकता है। विशेष रूप से उन लोगों के लिए यह रत्न उपयोगी होता है जिनकी कुंडली में बृहस्पति ग्रह शुभ स्थिति में हो।
हालाँकि, इसकी शक्ति इतनी प्रभावी होती है कि यदि इसे गलत व्यक्ति या समय पर पहना जाए, तो यह नकारात्मक परिणाम भी दे सकता है। इसलिए पुखराज पहनने से पहले किसी योग्य ज्योतिषी से परामर्श लेना बेहद जरूरी है।
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