March 19, 2025 Blog

Kamika Ekadashi 2025: जानिए श्रावण मास की पहली एकादशी की तिथि, महत्त्व एवं पूजाविधि

BY : STARZSPEAK

कामिका एकादशी: भगवान विष्णु की कृपा पाने का शुभ अवसर

एकादशी व्रत हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है, और इसे भगवान विष्णु की आराधना के लिए सबसे पवित्र समय माना जाता है। श्रावण मास में आने वाली कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi) को विशेष रूप से शुभ और फलदायी माना जाता है। यह व्रत न केवल पुण्य अर्जित करने का अवसर है, बल्कि आध्यात्मिक शुद्धि और मोक्ष की प्राप्ति के लिए भी महत्वपूर्ण है।

कामिका एकादशी व्रत का महत्व (Significance of Kamika Ekadashi Vrat)

वैसे तो पूरे वर्ष में कई व्रत रखे जाते हैं, लेकिन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एकादशी व्रत को सभी व्रतों में सर्वोत्तम माना गया है। खासकर कामिका एकादशी, जिसे अत्यधिक फलदायी कहा जाता है, व्यक्ति के पापों का नाश कर उसे भगवान विष्णु की कृपा दिलाने का मार्ग प्रशस्त करती है।


कामिका एकादशी क्या है? (What Is Kamika Ekadashi)

यदि आप कृष्ण भक्त हैं, तो एकादशी शब्द से भली-भांति परिचित होंगे। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने में दो एकादशी तिथियां आती हैं—शुक्ल पक्ष (बढ़ता हुआ चंद्रमा) और कृष्ण पक्ष (घटता हुआ चंद्रमा)। ये तिथियां चंद्रमा की गति पर निर्भर करती हैं और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ मानी जाती हैं।

श्रावण मास में आने वाली कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi), भगवान विष्णु को प्रसन्न करने और उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने का अद्भुत अवसर है। इस दिन श्रद्धालु उपवास रखते हैं, श्री हरि का स्मरण करते हैं और पूरे मन से उनकी भक्ति में लीन रहते हैं। इस व्रत को करने से मनुष्य के सभी कष्ट दूर होते हैं, पापों का नाश होता है और मोक्ष प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है।

यदि आप आध्यात्मिक लाभ और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा चाहते हैं, तो कामिका एकादशी का व्रत अवश्य करें
और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करें।

कामिका एकादशी 2025: तिथि, महत्व और पूजा विधि (Kamika Ekadashi 2025 Date, Importance And Puja Vidhi)

श्रावण मास के कृष्ण पक्ष में आने वाली कामिका एकादशी हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखती है। इस दिन भक्त भगवान विष्णु की आराधना करके जीवन के पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

कामिका एकादशी 2025 की तिथि और समय (Kamika Ekadashi 2025 Date & Time)

  • तारीख: 21 जुलाई 2025 (सोमवार)
  • एकादशी तिथि प्रारंभ: 20 जुलाई 2025, दोपहर 12:12 बजे
  • एकादशी तिथि समाप्त: 21 जुलाई 2025, सुबह 09:38 बजे
  • प्राण काल: 22 जुलाई 2025, सुबह 5:37 से 7:05 बजे तक

    kamika ekadashi 2025

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कामिका एकादशी का महत्व (Importance Of Kamika Ekadashi)

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कामिका एकादशी का व्रत सभी पापों को नष्ट करने वाला और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने का उत्तम साधन है। महाभारत में वर्णित कथा के अनुसार, जब राजा युधिष्ठिर ने भगवान श्रीकृष्ण से इस व्रत का महत्व पूछा, तो उन्होंने बताया कि यह एकादशी व्रत व्यक्ति को जन्म-जन्मांतर के पापों से मुक्त कर मोक्ष प्रदान करता है। भगवान ब्रह्मा ने भी नारद मुनि और अन्य भक्तों को इस व्रत की महिमा का उपदेश दिया था।

कामिका एकादशी पर तुलसी पूजन का महत्व

तुलसी भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है, और बिना तुलसी पत्र के कोई भी भोग अधूरा माना जाता है। कामिका एकादशी के दिन तुलसी पूजन करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि भगवान विष्णु के चरणों में तुलसी पत्र अर्पित करने से जीवन में शांति, समृद्धि और सुरक्षा मिलती है।

इस दिन भक्तों को तुलसी के पौधे के समक्ष घी का दीपक जलाना, जल अर्पित करना, तुलसी के दर्शन करना और उसे स्पर्श करना चाहिए। ऐसा करने से सौभाग्य और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

कामिका एकादशी 2025 के अद्भुत लाभ (Benefits Of Kamika Ekadashi 2025)

कामिका एकादशी का व्रत हिंदू धर्म में अत्यंत पुण्यदायक माना जाता है। यदि इसे विधिपूर्वक किया जाए, तो भक्तों को अनगिनत आध्यात्मिक और मानसिक लाभ प्राप्त होते हैं। आइए जानते हैं इस व्रत के कुछ प्रमुख लाभ—

  • अश्वमेध यज्ञ के समान फल
    कामिका एकादशी की कथा सुनने और इस दिन व्रत करने से व्यक्ति को अश्वमेध यज्ञ करने के समान पुण्य प्राप्त होता है।

  • पापों से मुक्ति
    इस व्रत को रखने वाले भक्त अपने जीवन में किए गए पापों से मुक्त हो जाते हैं, चाहे वे कितने भी गंभीर क्यों न हों।

  • भगवान विष्णु की कृपा
    इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और उन्हें भोग अर्पित करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

  • पवित्र नदियों के जल के समान पुण्य
    इस दिन व्रत करने वाले भक्तों को गंगा और यमुना जैसी पवित्र नदियों में स्नान करने के बराबर पुण्य प्राप्त होता है, जिससे उनका जीवन पवित्र और शुद्ध हो जाता है।

  • तुलसी पूजन का विशेष महत्व
    तुलसी के पौधे के समक्ष दीप जलाने और पूजा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और आध्यात्मिक लाभ मिलते हैं।

  • शास्त्रों और वेदों का ज्ञान
    इस दिन व्रत करने से भक्तों को वेदों और शास्त्रों के ज्ञान का आशीर्वाद मिलता है, जिससे आध्यात्मिक प्रगति होती है।

  • सुरक्षा और सौभाग्य की प्राप्ति
    भगवान विष्णु के चरणों में तुलसी पत्र अर्पित करना एक पवित्र अनुष्ठान माना जाता है, जो भक्तों को दिव्य सुरक्षा प्रदान करता है।

  • काशी और पुष्कर में व्रत करने का विशेष महत्व
    यदि कोई भक्त कामिका एकादशी के दिन काशी या पुष्कर जैसे पवित्र स्थलों पर होता है और वहां व्रत करता है, तो उसे विशेष रूप से सौभाग्यशाली माना जाता है और वह अपार पुण्य अर्जित करता है।

निष्कर्ष

कामिका एकादशी का व्रत (Kamika Ekadashi Vrat) न केवल आध्यात्मिक शुद्धि प्रदान करता है, बल्कि भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने का एक विशेष अवसर भी होता है। इस दिन व्रत रखने, श्रीहरि का ध्यान करने और तुलसी पूजन करने से भक्तों को अद्भुत लाभ मिलता है। यदि आप अपने जीवन में सुख, समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति चाहते हैं, तो इस पवित्र दिन का संपूर्ण लाभ अवश्य उठाएं।


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