Sree Padmanabhaswamy Temple: केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में स्थित पद्मनाभ स्वामी मंदिर अपनी अद्भुत सुंदरता और भव्यता के लिए प्रसिद्ध है। हालांकि, यह मंदिर सिर्फ अपनी वास्तुकला के लिए ही नहीं, बल्कि यहां मौजूद रहस्यमयी तिजोरियों के कारण भी चर्चा में रहता है। भगवान विष्णु को समर्पित यह मंदिर भारत के सबसे धनी हिंदू मंदिरों में से एक है।
प्राचीन ग्रंथों के अनुसार, इस मंदिर में छह गुप्त तहखाने मौजूद हैं, जिनमें बेशुमार खजाना छिपा हुआ है। मान्यता है कि मंदिर को एक प्राचीन शाप से प्रभावित माना जाता है, और इसी कारण यहां रखे खजाने को खोलना एक रहस्यमयी प्रक्रिया से जुड़ा हुआ है। आइए, इस मंदिर से जुड़ी कुछ रोचक बातों को जानते हैं।
पद्मनाभ स्वामी मंदिर को सदियों से असीमित दान प्राप्त हुआ है, जिससे यह दुनिया के सबसे धनी मंदिरों में से एक बन गया है। हालांकि, यह मंदिर केवल अपनी सम्पत्ति ही नहीं, बल्कि अद्भुत वास्तुकला के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां की संरचना में केरल और द्रविड़ शैली का अनूठा समावेश देखने को मिलता है। दिलचस्प बात यह है कि केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम का नाम भी इसी मंदिर से प्रेरित होकर पड़ा, जिसका अर्थ है 'भगवान अनंत पद्मनाभ का पवित्र निवास' ('थिरु' 'अनंत' 'पुरम')।
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पद्मनाभ स्वामी मंदिर का इतिहास सैकड़ों वर्षों पुराना है और यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है। प्राचीन ग्रंथों और ऐतिहासिक अभिलेखों के अनुसार, इस मंदिर का उल्लेख संगम युग (लगभग 500 ईसा पूर्व से 300 ईस्वी) के दौरान भी मिलता है।
इस मंदिर (Sree Padmanabhaswamy Temple) का निर्माण किसने करवाया, इसके प्रमाण स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन यह माना जाता है कि इसे चेर राजाओं द्वारा बनवाया गया था और बाद में त्रावणकोर के शासकों ने इसे भव्य स्वरूप प्रदान किया। 18वीं शताब्दी में महाराजा मार्तंड वर्मा ने इसे पुनर्निर्मित कर अपने राज्य को भगवान पद्मनाभ को समर्पित कर दिया। इसके बाद, त्रावणकोर के शासक ‘पद्मनाभ दास’ यानी भगवान के सेवक कहलाने लगे।
मंदिर (Padmanabhaswamy Temple )का सबसे बड़ा रहस्य यहां की गुप्त तिजोरियां हैं, जिनमें से कुछ सदियों से बंद हैं। कहा जाता है कि इन तहखानों में असीमित संपत्ति और बहुमूल्य आभूषण छिपे हुए हैं, जिन्हें खोले जाने पर रहस्यमयी घटनाएं हो सकती हैं।
2011 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मंदिर के छह में से पांच तहखानों को खोला गया, जिनमें करोड़ों की संपत्ति मिली। इसके बाद, यह मंदिर दुनिया के सबसे धनी हिंदू मंदिरों में से एक बन गया और इसकी सुरक्षा और धार्मिक महत्व और अधिक बढ़ गया।
आज भी पद्मनाभ स्वामी मंदिर अपनी भव्यता, रहस्य और दिव्यता के कारण विश्वभर में प्रसिद्ध है और यहां हर साल लाखों श्रद्धालु भगवान विष्णु के दर्शन के लिए आते हैं।
पद्मनाभ स्वामी मंदिर (Sree Padmanabhaswamy Temple) के गर्भगृह के नीचे छह विशाल गुप्त तहखाने बने हुए हैं, जिन्हें रहस्यमय खजाने की वजह से जाना जाता है। 2011 में, सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी सुंदरराजन ने मंदिर के खजाने की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। इसके बाद, सुप्रीम कोर्ट ने सात सदस्यीय कमेटी गठित की, जिसने इन तहखानों की जांच की।
इन तहखानों के दरवाजे मजबूत लोहे से बने हुए थे, जिन्हें खोलना आसान नहीं था। जांच समिति ने इन तहखानों को ए, बी, सी, डी, ई और एफ नाम दिए। इन रहस्यमयी कमरों को खोलना बेहद चुनौतीपूर्ण साबित हुआ, लेकिन जब इन्हें काफी प्रयासों के बाद खोला गया, तो अंदर हीरे, कीमती रत्न, सोने-चांदी की मूर्तियां और सिंहासन जैसी अनमोल वस्तुएं मिलीं। अनुमान के अनुसार, यहां से करीब 1 लाख करोड़ रुपये के खजाने का पता चला, जिससे यह मंदिर दुनिया के सबसे धनी मंदिरों में से एक बन गया।
ऐसा माना जाता है कि पद्मनाभ स्वामी मंदिर (Sree Padmanabhaswamy Temple) की तिजोरी बी किसी साधारण दरवाजे से कहीं अधिक है – इसकी रक्षा नागों, एक पौराणिक पिशाच और अन्य दिव्य शक्तियों द्वारा की जा रही है। यह भी कहा जाता है कि जो कोई भी इस गुप्त द्वार को खोलने की कोशिश करेगा, वह अज्ञात संकटों और आपदाओं को आमंत्रित करेगा।
कहा जाता है कि सदियों पहले, जब मंदिर प्रबंधन ने तिजोरी बी (कल्लारा बी) को खोलने का प्रयास किया, तो अचानक उन्हें समुद्री लहरों की गूंज सुनाई देने लगी। इस अजीब और डरावने अनुभव के बाद, उन्होंने इसे खोलने का विचार छोड़ दिया और द्वार को फिर से बंद कर दिया।
1930 के दशक में, जब लुटेरों का एक गिरोह मंदिर को लूटने आया, तो उन्होंने देखा कि असंख्य नाग उनकी ओर बढ़ रहे हैं। इस घटना के बाद, यह विश्वास और भी प्रबल हो गया कि तिजोरी की रक्षा प्राचीन संतों द्वारा उच्च शक्ति वाले नागा पासम मंत्र के माध्यम से की गई है।
माना जाता है कि इस रहस्यमयी कक्ष को केवल गरुड़ मंत्र का सटीक जाप करने वाला सिद्ध पुजारी ही खोल सकता है। लेकिन इसकी कठिनाई और संभावित खतरे को देखते हुए, आज तक कोई भी इसे खोलने की हिम्मत नहीं कर पाया। यह रहस्य हमें केवल कल्पना करने के लिए छोड़ देता है कि इस पौराणिक तिजोरी के अंदर आखिर क्या छिपा हो सकता है!
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केरल के विश्व प्रसिद्ध श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर (Sree Padmanabhaswamy Temple) में शुक्रवार को एक दुर्लभ और अद्भुत नजारा देखने को मिला। डूबता हुआ सूर्य मंदिर के 'गोपुरम' (टॉवर) की सभी पांच खिड़कियों से गुजरता दिखाई दिया। यह दृश्य साल में सिर्फ दो बार, विषुव के दिन देखने को मिलता है, जब दिन और रात की अवधि समान होती है। इस अनोखी घटना को देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर में उमड़ते हैं। इसके पीछे मंदिर की अद्भुत निर्माण शैली है, जो वैज्ञानिक गणना और ज्यामितीय स्थिति का एक अनूठा उदाहरण प्रस्तुत करती है।
सूर्य मंदिर की सबसे ऊपरी खिड़की से सूर्य की पहली झलक मिलती है, फिर धीरे-धीरे उसकी किरणें दूसरी और तीसरी खिड़की तक उतरती हैं। जैसे ही सूर्यास्त की बेला आती है, तीसरी खिड़की से झांकता हुआ सूर्य एक अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करता है, मानो यह किसी जादुई क्षण का हिस्सा हो। आकाश में धीरे-धीरे विलीन होने से पहले, सूर्य चौथी और फिर पांचवीं खिड़की से नजर आता है, जिससे यह नज़ारा और भी अलौकिक और रोमांचक हो जाता है।
केरल के भव्यतम मंदिरों में से एक, श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर (Sree Padmanabhaswamy Temple) में दर्शन के लिए सख्त नियमों का पालन करना अनिवार्य है। यहां प्रवेश के लिए विशेष ड्रेस कोड निर्धारित है—महिलाओं को साड़ी पहननी होती है, जबकि पुरुषों के लिए धोती अनिवार्य है। यह परंपरा पिछले 5000 वर्षों से चली आ रही है। हालांकि, 2016 में मंदिर प्रबंधन ने महिलाओं को सलवार सूट में भी प्रवेश की अनुमति दे दी।
मंदिर में प्रवेश केवल हिंदू और भारतीय नागरिकों को ही दिया जाता है। साथ ही, शादीशुदा लोगों को ही यहां दर्शन करने की अनुमति होती है। यदि आप मंदिर में जाने की योजना बना रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप इन नियमों का पालन कर रहे हैं।
मंदिर में सामान्य प्रवेश के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता, लेकिन विशेष दर्शन के लिए नाममात्र का शुल्क निर्धारित है।
श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर में दर्शन (Sree Padmanabhaswamy Temple Darshan Timings) के लिए सुबह और शाम के विशेष समय निर्धारित हैं। अगर आप इस ऐतिहासिक मंदिर के दर्शन की योजना बना रहे हैं, तो इन समय स्लॉट्स का ध्यान रखें:
ध्यान दें: विशेष अवसरों और त्योहारों के दौरान मंदिर के दर्शन समय में बदलाव हो सकता है। अगर आप किसी खास त्योहार के दौरान दर्शन करने जा रहे हैं, तो यात्रा से पहले श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर (Shree Padmanabhaswamy Temple) की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर समय की पुष्टि कर लें।
श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर (Shree Padmanabhaswamy Temple) न केवल अपनी भव्यता और रहस्यमयी खजाने के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यह एक आस्था और संस्कृति का प्रतीक भी है। इसकी अद्भुत वास्तुकला, धार्मिक मान्यताएं और वैज्ञानिक गणना के आधार पर किया गया निर्माण इसे विश्वभर में एक अनोखा स्थान बनाता है। मंदिर में प्रवेश के लिए सख्त नियमों का पालन किया जाता है, जो इसकी परंपरा और गरिमा को बनाए रखते हैं।
यदि आप इस पवित्र स्थल की यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो दर्शन के समय और नियमों की जानकारी पहले से प्राप्त कर लें, ताकि आपकी यात्रा सुगम और आध्यात्मिक रूप से समृद्ध हो सके। श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि भारत की प्राचीन विरासत और दिव्यता का जीवंत प्रमाण है।