Aarambh Hai Prachand Lyrics: "आरंभ है प्रचंड" एक ऊर्जावान और प्रेरणादायक गीत है, जो किसी भी संघर्ष की शुरुआत को जोश और साहस से भर देता है। यह गीत 2009 में रिलीज़ हुई फिल्म "गुलाल" का है, जिसे मशहूर गायक पियूष मिश्रा ने अपनी दमदार आवाज़ में गाया है।
इस गीत के बोल क्रांति, संघर्ष और आत्मविश्वास की भावना को उजागर करते हैं। "हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती"—इस विचार को सजीव करता यह गीत उन लोगों के लिए एक प्रेरणा है, जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए किसी भी कठिनाई का सामना करने को तैयार रहते हैं।
गीत की धुन और पियूष मिश्रा की सशक्त गायकी इसे और भी प्रभावशाली बना देती है। "जो तूफानों में पलते हैं, वो ही दुनिया बदलते हैं"—इस संदेश के साथ, यह गीत हमें आगे बढ़ने और डर को छोड़कर अपने रास्ते खुद बनाने की प्रेरणा देता है।
अगर आप किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए खुद को तैयार करना चाहते हैं, तो यह गीत आपकी प्लेलिस्ट में ज़रूर होना चाहिए!
मन करे सो प्राण दे, जो मन करे सो प्राण ले
वही तो एक सर्वशक्तिमान है,
विश्व की पुकार है ये भगवत का सार है की
युद्ध ही तो वीर का प्रमाण है !!!
कौरवों की भीड़ हो या पाण्डवों का नीर हो
जो लड़ सका है वही तो महान है !!!
जीत की हवस नहीं किसी पे कोई बस नहीं क्या
ज़िन्दगी है ठोकरों पर मार दो,
मौत अन्त हैं नहीं तो मौत से भी क्यों डरे
ये जाके आसमान में दहाड़ दो !
आरम्भ है प्रचण्ड बोल मस्तकों के झुण्ड
आज जंग की घड़ी की तुम गुहार दो,
आन बान शान या की जान का हो दान
आज एक धनुष के बाण पे उतार दो !!!
वो दया का भाव या की शौर्य का चुनाव
या की हार को वो घाव तुम ये सोच लो,
या की पूरे भाल पर जला रहे वे जय का लाल,
लाल ये गुलाल तुम ये सोच लो,
रंग केसरी हो या मृदंग केसरी हो
या की केसरी हो लाल तुम ये सोच लो !!
जिस कवि की कल्पना में ज़िन्दगी हो
प्रेम गीत उस कवि को आज तुम नकार दो,
भीगती नसों में आज फूलती रगों में
आज आग की लपट तुम बखार दो !!!
आरम्भ है प्रचण्ड बोल मस्तकों के झुण्ड
आज जंग की घड़ी की तुम गुहार दो,
आन बान शान या की जान का हो दान
आज एक धनुष के बाण पे उतार दो !!!
यह भी पढ़ें - श्री कृष्ण का लोकप्रिय भजन Shri Krishna Govind Hare Murari Lyrics