July 17, 2017 Blog

शिक्षा से सम्बंधित ग्रह!

BY : Dr. Rahul Nair – Education Counselor & Spiritual Teacher

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लेखक: सोनू शर्मा

कुंडली में जितना महत्व शिक्षा से सम्बंधित भावों का है उतना ही शिक्षा से सम्बंधित ग्रह का भी महत्व है ।

कुंडली में बुध और गुरु किसी भी व्यक्ति की शिक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है । कुंडली में इन ग्रहों की क्या स्थिति है, ये बलवान है, शुभ ग्रहों से दृष्ट है तथा किस स्थान पर बैठे है उसी से व्यक्ति की शिक्षा का निर्धारण होता है ।

बुध - बुध ग्रह लेखन, अध्ययन एवं वाणी का कारक माना जाता है, बुध दिमाग, नेटवर्किंग, विश्लेषण, गणित, शिक्षा का प्रतिनिधित्व करता है । बुध बुद्धि क्षमता को नियंत्रित करता है । यदि कुंडली में बुध स्वराशि में स्थित हो, उच्च का हो, मित्र राशि में हो तो व्यक्ति बुद्धिमान होने के साथ साथ अच्छा वक्ता भी होता है । उसमे किसी भी विषय को ग्रहण करने की अदभूत क्षमता होती है और यदि बुध नीच का हो, छटे, आठवे या बारहवे भाव में स्थित हो, केतु के साथ युति करे या उसपर अशुभ ग्रहों की दृष्टि हो तो यह शिक्षा के लिए शुभ नहीं होता ।

गुरु - गुरु विद्या, वृद्धि तथा विवेक का कारक है, यदि दुसरे भाव का स्वामी या गुरु केंद्र या त्रिकोण में हो तो व्यक्ति की शिक्षा अच्छी होती है, यदि पंचम भाव में बुध स्थित हो या गुरु और शुक्र की पंचम में युति हो तो शिक्षा अच्छी होती है ।

गुरु केंद्र या त्रिकोण में स्वराशि में स्थित हो, उच्च का हो, मित्र राशि में हो तो शिक्षा उच्च स्तर की होती है । यदि गुरु छटे, आठवे या बारहवे भाव में अशुभ हो, नीच का हो या राहु से प्रभावित हो तो शिक्षा में रूकावट तथा समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है ।

Author: Dr. Rahul Nair – Education Counselor & Spiritual Teacher

Dr. Rahul Nair, with 15+ years in student counseling, integrates psychology and spirituality to guide learners toward aligned educational paths, personal growth, and meaningful success in life.