January 4, 2024 Blog

Lohri 2024: इस साल कब है लोहड़ी? जानें सही तिथि, महत्व और इस पर्व से जुड़ी मान्यता

BY : STARZSPEAK

Lohri 2024 Date: हर साल जनवरी के महीने में लोहड़ी का त्यौहार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह त्यौहार मकर संक्रांति से एक दिन पहले मनाया जाता है। मकर संक्रांति की तरह लोहड़ी भी उत्तर भारत का एक प्रमुख त्योहार है। खासकर पंजाब और हरियाणा में इसे बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. आमतौर पर लोहड़ी का त्योहार सिख समुदाय के लोग मनाते हैं। 

लोहड़ी के त्यौहार पर रात के समय किसी खुली जगह पर आग जलाई जाती है और उस आग के चारों ओर परिक्रमा की जाती है। लोहड़ी के पवित्र त्यौहार पर नई फसल की कटाई की जाती है। कटी हुई फसल को सबसे पहले अग्नि को समर्पित किया जाता है। अग्नि के चारों ओर चक्कर लगाकर हर कोई सुखी जीवन की कामना करता है। लोहड़ी (Lohri 2024) के दिन अग्नि में तिल, गुड़, गजक, रेवड़ी और मूंगफली अर्पित की जाती हैं। ऐसे में आइए जानते हैं इस साल लोहड़ी की तारीख, महत्व और शुभ मुहूर्त...

यह भी पढ़ें - Makar Sankranti 2024: मकर संक्रांति पर बन रहे हैं दुर्लभ योग, जरुर करें ये 3 काम, सूर्य की तरह चमकेगा भाग्य

lohri 2024
लोहड़ी

पंचांग के अनुसार लोहड़ी का त्योहार मकर संक्रांति से एक दिन पहले मनाया जाता है. इस साल सूर्य देव 15 जनवरी 2024 को मकर राशि में प्रवेश कर रहे हैं और इसी दिन मकर संक्रांति (Makar Sankranti) मनाई जाएगी। लोहड़ी का त्यौहार मकर संक्रांति के एक दिन बाद मनाया जाता है। ऐसे में इस साल लोहड़ी 13 जनवरी की बजाय 14 जनवरी को है.

इसलिए मनाई जाती है लोहड़ी

लोहड़ी को फसलों की बुआई और कटाई से जुड़ा एक विशेष त्योहार माना जाता है। इस त्यौहार पर नई फसल की पूजा की जाती है। लोहड़ी (Lohri 2024) की अग्नि में रवि की फसल के रूप में तिल, रेवड़ी, मूंगफली, गुड़ आदि चीजें अर्पित की जाती हैं। इस दिन लोग अच्छी फसल के लिए सूर्य देव और अग्नि देवता का आभार व्यक्त करते हैं और प्रार्थना करते हैं कि अगले साल भी फसल की पैदावार अच्छी हो।

इस तरह मनाते हैं नया साल

लोहड़ी (Lohri 2024) के पवित्र त्योहार पर लोग शाम के समय तैयार होकर एक जगह इकट्ठा होते हैं, आग जलाते हैं और उसमें तिल, गुड़, गजक, रेवड़ी और मूंगफली चढ़ाते हैं। इसके बाद सभी लोग अग्नि की परिक्रमा करते हुए ढोल बजाते हुए गीत गाते हैं और नृत्य करते हैं। वे एक-दूसरे के अच्छे होने की कामना भी करते हैं।

लोहड़ी की कहानी

लोहड़ी (Lohri 2024) के त्यौहार पर दुल्ला भट्टी की कहानी विशेष रूप से सुनी जाती है। मान्यता के अनुसार दुल्ला भट्टी मुगल काल में अकबर के शासन काल में पंजाब में रहता था। ऐसा कहा जाता है कि दुल्ला भट्टी ने उस समय पंजाब की लड़कियों की रक्षा की थी जब संदल बार में लड़कियों को अमीर व्यापारियों को बेचा जा रहा था। एक दिन दुल्ला भट्टी ने इन अमीर व्यापारियों से लड़कियों को मुक्त कराया और उनकी शादी हिंदू लड़कों से करवा दी। तभी से दुल्ला भट्टी को नायक की उपाधि से सम्मानित किया जाने लगा और यह कहानी हर साल हर लोहड़ी पर सुनाई जाने लगी।

यह भी पढ़ें - New Year 2024: नए साल के पहले दिन करें इन 5 मंत्रों का जाप, सालभर प्रसन्न रहेंगी लक्ष्मी जी