December 7, 2023 Blog

Brahma Muhurta: ब्रह्म मुहूर्त में उठकर करें इन मंत्रों का जाप, बदल जाएगी जीवन की स्थिति

BY : STARZSPEAK

हिंदू धर्म में ब्रह्म मुहूर्त (Brahma Muhurta) को विशेष महत्वपूर्ण माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दौरान देवी-देवता पृथ्वी पर विचरण करते हैं और इस मुहूर्त में जागने वाले लोगों पर उनकी विशेष कृपा होती है। इस प्रेरणादायक समय में हम देखेंगे कि ब्रह्म मुहूर्त में कौन से मंत्रों का जाप साधक को शुभ फल प्रदान कर सकता है।

Brahma Muhurta: ब्रह्म मुहूर्त न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से बल्कि स्वास्थ्य की दृष्टि से भी बहुत उपयुक्त माना जाता है। यह समय भगवान की आराधना के लिए सर्वोत्तम माना जाता है। अगर आप ब्रह्म मुहूर्त में उठने की आदत डालेंगे तो आपको इसका फायदा जरूर महसूस होगा। हिंदू धर्म में कुछ ऐसे कार्य बताए गए हैं, जिन्हें ब्रह्म मुहूर्त में करने से साधक को आर्थिक लाभ हो सकता है।

Brahma Muhurta
ब्रह्म मुहूर्त का समय

यहां ब्रह्म का अर्थ ईश्वर है, इस स्थिति में ब्रह्म मुहूर्त (Brahma Muhurta) का अर्थ 'भगवान का समय' है। हिंदू धर्म में सुबह 4 बजे से 5:30 बजे तक के समय को ब्रह्म मुहूर्त माना जाता है। यह भी माना जाता है कि जो भक्त इस शुभ समय में जागते हैं उन पर हमेशा देवी लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।

ब्रह्म मुहूर्त में उठने के फायदे

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ब्रह्म मुहूर्त (Brahma Muhurta) में जागने की आदत व्यक्ति को जीवन में अपार सफलता हासिल करने में मदद कर सकती है। ब्रह्म मुहूर्त में उठने से व्यक्ति के शरीर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। जो स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत फायदेमंद है. जो व्यक्ति ब्रह्म मुहूर्त में उठने की आदत बनाता है उसे सौंदर्य के साथ-साथ बुद्धि भी प्राप्त होती है।

करें इन मंत्रों का जाप (Brahma Muhurta Mantra)

सुबह ब्रह्म मुहूर्त उठते ही सबसे पहले अपनी हथेली को देखें और इस मंत्र का जाप करें -

"कराग्रे वसति लक्ष्मीः,कर मध्ये सरस्वती।
करमूले तू ब्रह्मा, प्रभाते कर दर्शनम्।।"

इस मंत्र का अर्थ है कि हथेलियों में मां लक्ष्मी, देवी सरस्वती और भगवान विष्णु का निवास है और में सुबह-सुबह उनके दर्शन कर रहा हूं।

ये है चमत्कारी मंत्र

ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत होने के बाद सुखासन में बैठ जाएं। इसके बाद अपनी दोनों आंखों को बंद करके इस मंत्र (Brahma Muhurta) का जाप करें -

"ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी भानु: शशि भूमि सुतो बुधश्च।
गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव सर्वे ग्रहा शांति करा भवंतु॥"

इस मंत्र का जाप करने से साधक को देवी-देवताओं कीक कृपा प्राप्त होती है। साथ ही सभी प्रकार की नकारात्मकता का विनाश होता है।

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