ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों की चाल का विशेष महत्व है। साल 2024 में शनि देव बिना राशि बदले पूरे साल कुंभ राशि में रहेंगे। वहीं, शनि महाराज (Shani Chalisa) अपने मित्र राहु की राशि शतभिषा में गोचर कर चुके हैं।
शतभिषा नक्षत्र कुंभ राशि के अंतर्गत आता है और इसका स्वामी राहु है। शनि देव 24 नवंबर को सुबह 08:40 बजे शतभिषा नक्षत्र में गोचर कर चुके हैं। शनि देव 6 अप्रैल 2024 को दोपहर 03:55 बजे तक यहीं रहेंगे। ज्योतिष के अनुसार शुक्र और बुध के अलावा राहु और केतु भी शनि की मित्र राशियों में से हैं। ज्योतिष शास्त्र में राहु को भी शनि के समान फल देने वाला बताया गया है। अब शनि देव अपने मित्र राहु की राशि शतभिषा में गोचर कर चुके हैं, जिनकी कुंडली में शनि शुभ भावों के स्वामी हैं, उन्हें अचानक बड़ा लाभ मिल सकता है। शनिदेव (Shani Dev) के शतभिषा नक्षत्र में प्रवेश करने से सभी 12 राशियों के जीवन में अहम बदलाव आना तय है।
ज्योतिषाचार्य के अनुसार शनिदेव (Shani Dev) के नक्षत्र परिवर्तन से विश्व में भारत की साख बढ़ेगी। साथ ही वैज्ञानिक और डॉक्टर बीमारियों के लिए नई तकनीक और दवाओं की खोज करने में सफल होंगे, साथ ही संक्रामक रोगों से बचाव के उपाय भी बेहतर तरीके से खोजे जा सकेंगे। साथ ही राजनीतिक उथल-पुथल और प्राकृतिक आपदाओं की आशंका भी बढ़ेगी। विरोध, जुलूस, प्रदर्शन और गिरफ़्तारियाँ होंगी। देश-दुनिया में राजनीतिक परिवर्तन होंगे। सत्ता संगठन में बदलाव की संभावना है.
शनिदेव का असर 12 राशियों पर देखने को मिलेगा। वृष, कर्क, कन्या, वृश्चिक, कुंभ और मीन राशि पर मिश्रित प्रभाव रहेगा। सिंह, तुला और धनु राशि वाले लोगों को संभलकर रहना होगा। मेष, मिथुन और मकर राशि वाले लोगों को शनिदेव (Shani Dev) का शुभ प्रभाव मिलेगा। सिंह, तुला और धनु राशि वाले लोग वाद-विवाद में न उलझें। बस अपने काम पर ध्यान दें. स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें।
शनिदेव को नीले रंग के फूल अर्पित कर, इस मंत्र का जाप करें कुण्डली में व्याप्त शनिदोष होगा दूर। ऊँ ह्रिं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छाया मार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।
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