January 14, 2022 Blog

देश के लिए कैसा रहेगा 2022-23 : जानिये गणतंत्र दिवस की इस साल की वर्षकुंडली का विश्लेषण

BY : STARZSPEAK

आज हम 2022 में 73वां गणतंत्र दिवस मना रहे हैं। ऐसे में हर कोई यह जानने के लिए बेताब है कि आने वाला समय भारत के लिए कैसा रहेगा। क्या भारत में कोई विपदा आयेगी या आने वाले समय में हर तरफ भारतवर्ष की जय जयकार सुनाई देगी?

ऐसे में देश का राशिफल देखकर ज्योतिषियों का मानना है कि 2022 से 2023 तक का समय हमारे प्यारे देश भारत के लिए बेहद खास है। ज्योतिषी पंडितो के  अनुसार इस वर्ष कुंडली के गोचर ग्रहों के अनुसार जहां भारत तेजी से आर्थिक आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ेगा, वहीं विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी नए मानक स्थापित करेगा।

ज्योतिषीय विश्लेषण: साल 2022-23 इस तरह रहेगा:

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ज्योतिषियों के अनुसार मिथुन लग्न के साथ भारत का 73वां गणतंत्र दिवस राशिफल बन रहा है। इसके अनुसार चंद्रमा लग्न में, केतु छठे भाव में, शुक्र सप्तम भाव में, सूर्य, गुरु और शनि अष्टम भाव में तथा बुध और मुंथा नवम भाव में हैं। वहीं मंगल एकादश भाव में और राहु बारहवें भाव में है।

वहीं इस बार की सबसे खास बात यह है कि ज्योतिष में मंगल को एक शक्ति कारक माना गया है, वहीं एक तरफ गणतंत्र दिवस 2022 इस बार बुधवार  को पड़ रहा है. वहीं, इस हिंदू बहुल देश में आने वाले नव वर्ष 2079 के राजा और मंत्री दोनों मंगल हैं।

मंगल का प्रभाव:

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मंगल के इस प्रभाव से यह माना जाता है कि इस समय भारत में शक्ति और वैभव में वृद्धि होगी, साथ ही इस समय हमारी तीनों सेनाओं का मनोबल बहुत ऊंचा रहेगा। जहां तक हमारे सशस्त्र बल का संबंध है, वे एक नए प्रकार के हथियार का उपयोग कर सकते हैं। आप नए प्रकार के क्षेत्रों में विस्तार करके नई चीजें कर सकते हैं। इस साल कूटनीति और विदेश नीति का नया अंदाज देखने को मिलेगा। जिसे बाद में पूरी दुनिया में सराहा जाएगा। इसके अलावा इस वर्ष की भारतवर्ष कुंडली के अनुसार धन का स्वामी चंद्रमा लग्न में अपने पुत्र बुध के घर में गोचर कर रहा है, इसलिए भारत का आर्थिक पक्ष और भारतवर्ष के लोग शक्तिशाली होंगे।

साल की रीजेंट किस्मत में है 'मुंथा':

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भारतीय कुंडली में इस वर्ष का शासक 'मुन्था' भाग्य भाव में स्थित है, जो बुध लग्न के साथ स्थित है, जिसके कारण सरकार जनता के लिए कई कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा कर सकती है। साथ ही विदेशी कंपनियों में नौकरियों में युवाओं का दबदबा बढ़ेगा। वहीं दूसरी ओर बुध ने भी इस दौरान उत्कृष्ट योग किया है, इसलिए यह वर्ष लोगों के स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के समाधान का समय है।

इस समस्या के कारण":

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गणतंत्र दिवस राशिफल में बारहवें भाव में राहु और छठे भाव में केतु की उपस्थिति शेषनाग कालसर्प योग की छाया से आंशिक रूप से प्रभावित होगी। वहीं चंद्रमा के अपनी धुरी से दूर होने से कालसर्प योग भंग हो जाएगा, लेकिन चंद्रमा के प्रभाव में कुछ कमी आएगी, ऐसे में जातक को कहीं न कहीं मानसिक भ्रम, आपसी तनाव का सामना करना पड़ सकता है. . भी बढ़ सकता है।

इसके अलावा कुंडली के बारहवें भाव में राहु की उपस्थिति हानि और खर्च को इंगित करती है, जबकि केतु ऋण, बीमारी और शत्रु के छठे भाव में स्थित होने के कारण देश के लोगों को अपने प्रतिकूल प्रभाव से दूर रखता है। देश में छिपे दुश्मन। मुझे लड़ना है। वहीं दूसरी ओर इस कुण्डली में सूर्य, बृहस्पति और शनि की अष्टम भाव में स्थिति और वर्तमान समय में शनि और बृहस्पति की अस्त होने के कारण व्यापार में कुछ सुस्ती आ सकती है, जिसके फलस्वरूप खाद्यान्न में कमी आ सकती है। गैसोलीन, डीजल, रसोई गैस, दवाएं। कमोडिटी महंगाई बढ़ सकती है।

गंभीर फैसला और बिना नए कानून के:

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भारत की कुंडली में इस वर्ष संतान के पंचम भाव का स्वामी शुक्र सप्तम भाव में है, ऐसे में ग्रह संकेत दे रहे हैं कि सरकार जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कुछ गंभीर निर्णय ले सकती है। या कोई नया कानून लाये। वहीं इस बात के भी संकेत हैं कि इस समय देश के युवा नए अविष्कारों से सरकार और जनता को हैरान कर देंगे. शिक्षा-प्रतियोगिता के लिहाज से यह साल देश के लिए काफी अच्छा रहने वाला है।

मंगल अच्छे स्वरुप में:

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इस वर्ष की कुंडली में मंगल घर में शुभ भाव में विराजमान है। वहीं, अप्रैल से 'राक्षस' कहे जाने वाले संवत्सर के राजा और मंत्री पर मंगल का अधिकार है। ऐसे में भारत का मौद्रिक ढांचा मजबूत होगा और अप्रत्याशित आर्थिक वृद्धि होगी।


इस भाव में मंगल का भी इतना नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा कि सरकार और विपक्ष के बीच आपसी मनमुटाव अपने चरम पर होगा। आपसी आरोप-प्रत्यारोप से देश की छवि खराब हो सकती है। विपक्ष जनता से जुड़ी कल्याणकारी योजनाओं में बाधा डालना बंद नहीं करेगा, ऐसे में आप जनता बनाम विपक्ष की बहस भी देख सकते हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि अप्रैल 2022 के बाद भारत को कई कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, लेकिन अंतत: जीत देश की ही होगी.

ज्योतिष के जानकारों  के अनुसार नव संवत्सर 2079, जो अप्रैल 2022 से शुरू होगा, इस वर्ष संवत का स्थान धोबी का घर है, इसलिए वर्षा का योग बनता है। नॉर्थ ईस्ट का विकास नए तरीके से होगा। चोरी, डकैती, धोखाधड़ी आदि में वृद्धि हो सकती है। प्राकृतिक आपदाओं से जान-माल का नुकसान हो सकता है। भारत आसमान में कई नए सैटेलाइट भेज सकता है। कई नई कंपनियों के आने से रोजगार में वृद्धि होगी।

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