हम सभी घर में तरह-तरह के फर्नीचर को लाकर उसकी साजो-सज्जा में चार चाँद लगाने की कोशिश करते हैं। अच्छा दिखने वाला फर्नीचर निश्चित तौर पर घर की शोभा बढाता है। वास्तु के अनुसार लकड़ी के फर्नीचर को खरीदते समय कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए। जब हम इतना पैसा खर्च करके फर्नीचर लाते हैं तो यह कतई नहीं चाहेंगे कि हमें वास्तु दोष के कारण उससे होने वाले हानिकारक प्रभावों का सामना करना पड़े। यदि चीजें वास्तु के हिसाब से न हों तो यह घर में क्लेश और अशांति का माहौल पैदा करती हैं। आइये जानते हैं वास्तु शास्त्रों के अनुसार किन बातों को ध्यान में रखकर हम खुद को लाभांवित कर सकते हैं।
1) फर्नीचर खरीदते समय इस बात का ध्यान रखें कि उसका रंग हल्का हो। हल्का रंग घर में पॉजिटिव एनर्जी बनायें रखने में मदद करता है। वहीं गहरा और भड़कीला रंग नकारात्मकता को बढ़ावा देता है।
2) फर्नीचर खरीदने के दौरान ‘दिन’ भी महत्वपूर्ण रोल अदा करता है। मंगलवार, शनिवार या फिर अमावस्या के दिन फर्नीचर या उसे बनाने के लिए नई लकड़ी को खरीदने से बचना चाहिए।
3) घर का फर्नीचर यदि कमरे की छत से टकराता है तो उसे भी अशुभ माना जाता है। इसलिए फर्नीचर खरीदते वक़्त उसकी लम्बाई और आकार का विशेष ध्यान दें।
4) फर्नीचर में शुभ प्रतीकों के तौर पर मछली, कछुआ, मोर, शेर, चीता, बैल, घोड़ा, फूल आदि के चित्र अवश्य बनवाएं।
5) वास्तु के अनुसार बहुत ज्यादा कोने वाले फर्नीचर को भी शुभ नहीं माना जाता है। इसलिए फर्नीचर घर में लाते वक़्त इस बात का ध्यान रखें कि उसमें कम-से-कम कोने हों। इसके अलावा यह नुकीले की वजह गोलाकार हों।
6) हल्का फर्नीचर हमेशा पूर्व और उत्तर दिशा में रखें। वहीं भारी फर्नीचर दक्षिण और पश्चिम दिशा में सजाएँ। ऐसा करने से आप आर्थिक नुकसान से गुज़रने से बच सकते हैं।
7) ऑफिस वगैरह में आप यदि स्टील के फर्नीचर का इस्तेमाल करते हैं तो इससे पॉजिटिव एनर्जी को बढ़ती ही है, साथ ही साथ आपको आर्थिक लाभ भी होते हैं।
8) यदि आप घर में ही लकड़ी से फर्नीचर बनवाना चाहते हैं तो वास्तु का ध्यान अवश्य रखें। लकड़ी का काम हमेशा उत्तर या पश्चिम दिशा से शुरू करवाएं और दक्षिण या पूर्व दिशा में खत्म।
9) फर्नीचर के लिए इस्तेमाल होने वाली लकड़ी में पेड़ों की भी अहम् भूमिका होती है। वास्तु के हिसाब से इन पेड़ों को फर्नीचर के लिए शुभ माना जाता है- सागवान, अशोका, साल, चंदन, शीशम, महुआ, बबूल, खैर या नीम। यह घर में समृद्धि लेकर आता है एवं वातावरण को शांत बनाता है। इसके अलावा वटवृक्ष, पीपल, गूलर, करंज आदि की लकड़ी का इस्तेमाल कतई न करें। इससे घर में भूत-प्रेत बसेरा बना सकते हैं।
10) फर्नीचर के लिए लकड़ी खरीदते वक़्त मुहूर्त का भी ध्यान रखें। इसके अलावा नई लड़की को कभी भी उत्तर, पूर्व, या उत्तर-पूर्व में न रखें। यह फर्नीचर बनने की प्रक्रिया में अशुभ दिशाएं मानी जाती हैं।
11) यदि आप घर में लकड़ी का मंदिर बनवाते हैं तो यह आपके लिए शुभ फल लेकर आता है।
12) मकान बनाते वक़्त नई लकड़ी का ही इस्तेमाल करें। पुरानी लकड़ी के इस्तेमाल से घर में नकारात्मकता बढ़ती है।