पूर्णिमा के दिन भगवान नारायण का आशीर्वाद पाने के लिए श्री सत्यनारायण कथा की जाती है और इस दिन श्रद्धालू उपवास करते हैं। वैसे तो यह कथा सुबह और सांय दोनों ही समय की जा सकती है लेकिन सांय काल की कथा ज्यादा शुभ मानी जाती है। पूजा के समय जो भी लोग मौजूद होते है उन्हें कथा सुनाई जाती है । पूजा तभी पूर्ण होती है जब आरती होती है और आरती के बाद सभी को पंचामृत’का प्रसाद दिया जाता है और इसी के बाद ही उपवास खोला जाता है। जानते है इस कथा से कौनसे आशीर्वाद प्राप्त होते है -
इस कथा से हमे यह संदेश मिलता है की यदि व्यक्ति अपने जीवन में सत्य व्रत का पालन करे तो इससे इहलोक और परलोक दोनों का सुख मिलता है ।
यदि व्यक्ति सत्य व्रत का त्याग कर दे तो उसे अपने जीवन में बहुत कष्ट भोगने पड़ते है और सत्यव्रत को अपनाने वाले व्यक्ति को धन और सुख की प्राप्ति होती है ।
यह कथा का पाठ करने से घर में अन्न, धन और लक्ष्मी का आशीर्वाद रहता है ।
इस कथा को पढ़ने से पूर्वजो को समृद्धि, संतान, यश, कीर्ति, वैभव, पराक्रम, संपत्ति, ऐश्वर्य और शुभता का वरदान मिलता है।
इस कथा को पढ़ने से पूर्वज खुश होते है और उन्हें मुक्ति मिलती है और उनका आशीर्वाद बना रहता है ।
इसका पाठ करके व्यक्ति को वास्तविक सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है और घर में शांति बनी रहती है ।
Dr. Sandeep Ahuja, an Ayurvedic doctor with 14 years’ experience, blends holistic health, astrology, and Ayurveda, sharing wellness practices that restore mind-body balance and spiritual harmony.