भारत में हिन्दू धर्म में नागो को पूजा जाता है और यह परंपरा सदियों से चली आ रही हैं। भारत में नाग के अनेक मंदिर भी है और इनमे से एक ऐसा मंदिर है जो की साल में सिर्फ एक दिन ही खुलता है दर्शन के लिए। जी हां उज्जैन में स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर जो की उज्जैन के महाकाल मंदिर के तीसरी मंजिल पर स्थित है इस मंदिर की खास बात यह है की यह मंदिर नागपंचमी के दिन साल में एक ही बार खुलता है। और ऐसा माना जाता है की इस दिन नागराज तक्षक खुद इस मंदिर में मौजूद होते हैं।
इस मंदिर में एक अद्भुत प्रतिमा है जिसमे फन फैलाये नाग के आसान पर शिव पारवती बैठे हैं। यह प्रतिमा नेपाल से लायी गयी थी। पूरे विश्व में यह मंदिर ही एक मात्र ऐसा मंदिर है जहाँ पर भगवान भोलेनाथ सर्प शैय्या पर बैठे है और विष्णु भगवान नहीं।
सापो के राजा तक्षक ने भगवान शिव को खुश करने के लिए काफी तपस्या की थी और भोले नाथ ने भी उनसे खुश होकर उन्हें अमरत्व का वरदान दिया था। उसके बाद से ऐसा माना जाता है की तक्षक राजा ने प्रभु के छत्र छाव में रहना शुरू कर दिया था।
यह मंदिर बहुत पुराना मंदिर है और ऐसा माना जाता है की परमार राजा भोज ने 1050 ईस्वी में इस मंदिर का निर्माण कराया था। कहा जाता है की इस मंदिर में दर्शन करने के बाद से व्यक्ति हर तरह के सर्पदोष से मुक्त हो जाता है इसलिए नागपंचमी के दिन यहाँ लाखो के तादाद में लोग आते हैं।
इस दिन का सभी श्रद्धालु इंतजार करते हैं और मंदिर जब खुलता है तो वह दर्शन करके कृतज्ञ हो जाते हैं।
Dr. Sandeep Ahuja, an Ayurvedic doctor with 14 years’ experience, blends holistic health, astrology, and Ayurveda, sharing wellness practices that restore mind-body balance and spiritual harmony.