नववर्ष का आगमन एक नई उम्मीद, ख़ुशी व रोमांच लेकर आता है, हर कोई जानना चाहता है की नववर्ष उसके लिए कैसा रहेगा चाहे वह व्यवसाय, नौकरी या शिक्षा को लेकर हो । 2018 का आरम्भ होने ही वाला है।
लग्न का स्वामी बुध ग्रह इस समय गोचर में तृतीय भाव में है, तृतीय भाव पराक्रम तथा मेहनत का भाव है, इसका तात्पर्य यह है कि भारत जो भी हासिल करेगा वह अपनी मेहनत के बल पर ही करेगा ।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भारत की कुंडली की यदि बात की जाए तो वह कन्या लग्न की कुंडली बनती है जिसका स्वामी बुध ग्रह है, बुध ग्रह पंचम भाव का कारक ग्रह होता है । पंचम भाव शिक्षा से सम्बंधित है इसलिए भारत शिक्षा व तकनीक के क्षेत्र में नई उपलब्धियाँ हासिल करेगा ।
भारत की राशि 2018 में कर्क है, कर्क राशि के स्वामी चन्द्रमा है जो कि भाग्य स्थान में है तथा मृगराशि नक्षत्र में स्थित है जिससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि भारत विश्व में अपनी पहचान बनाने के साथ - साथ उभर कर सामने आएगा ।
देश को फिजूलखर्ची से बचना चाहिए तथा शत्रुओ से भी सावधान रहना चाहिए, यह साल भारत के लिए मिले - जुले परिणाम लेकर आएगा । कुछ पुराने मुद्दे विश्व स्तर पर उठाये जा सकते हैं, भारत निर्यात में अच्छे अवसर प्राप्त कर सकता है, वही कुछ राज्यों में स्वास्थ सम्बन्धी समस्याएँ भी उत्पन्न हो सकती है । 2018 भारत के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान व नेतृत्व क्षमता को दर्शाता है ।