यदि हमारे घर में हमें एक भी चूहा दिख जाए तो हम उसे घर से बहार करने के लिए हर कोशिश करते है लेकिन आज हम आप लोगों को भारत के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे है जहाँ पर 20000 चूहे रहते है और वह पर चूहे का झूठा प्रशाद ही भक्तो को दिया जाता हैं। सबसे बड़ी चौका देनी वाली बात यह है की इतने चूहे होने के बाद भी यहाँ पर कोई बीमारी नहीं फैलती ,मंदिर परिसर में कोई बदबू नहीं हैं। चूहों से प्लेग की बीमारी फैलना का डर होता है लेकिन इस मंदिर में आज तक कोई भी भक्त चूहों का झूठा खाने के बावजूद भी बीमार नहीं हुआ हैं।
यह मंदिर है करणी माता का मंदिर जो राजस्थान के शहर बीकानेर से लगभग 30 किलोमीटर दूर स्थित हैं। इस मंदिर को चूहों वाली माता का मंदिर,चूहों वाला मंदिर के नाम से भी जाना जाता हैं। करणी माता का मंदिर बीकानेर रिसायत के महाराजा गंगा सिंह ने बीसवीं शताब्दी में बनवाया था। करणी माता को बीकानेर घराने की कुलदेवी के रूप में भी पूजा जाता है। इस मंदिर में चूहों के अलावा, मुख्य दिवार पर बने चांदी के बड़े किवाड़, माता के सोने के छत्र और चूहों के प्रसाद के लिए एक चांदी की परात भी लोग देखने आते है।
मंदिर के अंदर चूहों का एक छत्र राज हैं। आप जैसे ही मंदिर में अंदर जायेंगे आपको हर जगह पर चूहे ही चूहे नजर आएंगे। मंदिर में इतने चूहे है की अंदर मुख्य प्रतिमा तक पहुंचने के लिए आपको अपने पैर घसीट कर लेकर जाना होता है क्यूंकि यदि आप अपना पैर उठाएंगे तो आपके पैरो के नीचे चूहे आ जायेंगे और वह फिर घायल भी हो सकते है जो की अशुभ माना जाता हैं। यहाँ पर काले चूहे के साथ साथ कुछ सफ़ेद चूहे भी है और कहा जाता है की यदि आपको सफ़ेद चूहा दिख जाए तो वह बहुत शुभ होता है और आपकी मनोकामना जरूर पूरी होती हैं।
मंदिर में दो वक़्त की आरती के दौरान जो की सुबह 5 बजे और शाम को 7 बजे होती है , उस समय अधिकतर चूहे अपने बिलो से बहार आ जाते हैं। इन चूहों को माता का प्रशाद दिया जाता है और उसके बाद ही वह प्रशाद भक्तो में बांटा जाता हैं।
Dr. Sandeep Ahuja, an Ayurvedic doctor with 14 years’ experience, blends holistic health, astrology, and Ayurveda, sharing wellness practices that restore mind-body balance and spiritual harmony.