गरूर पुराण में स्त्रियों के बारे में ऐसे कुछ लक्षण बताए गए है जो यदि किसी स्त्री में है तो वह स्त्री समाज में बहुत सम्मान नहीं पाती –
स्त्रियों को बुरे चरित्र वाले लोगो की संगती में नहीं रहना चाहिए यानि उनको बुरे करैक्टर वाले लोगो से दूर रहना चाहिए - जिन लोगो का चरित्र ख़राब होता है उनकी सोच भी ख़राब होती है और वह किसी को भी अपने मतलब के लिए नुक्सान पंहुचा सकते है इसीलिए उनसे दूर रहने में ही अच्छा रहता है और बुरे लोगों पे कभी भी संकट आ सकता है जो उनकी संगती में रहने वाले व्यक्ति पर भी आ सकता है ।
स्त्रियों को कभी भी अपने पाती से दूर नहीं रहना चाहिए - यदि कोई स्त्री पती से अलग रहती तो उसे समाज में कई परेशानीओं का सामना करना पड़ता है इसीलिए स्त्री को हमेशा अपने पती के साथ ही रहना चाहिए ।
स्त्रियों को अपने परिवार के लोगों के साथ प्यार से रहना चाहिए और उनकी उपेक्षा नहीं करनी चाहिए –
* कभी भी स्त्री को अपने परिजनों के साथ बुरा व्यव्हार नहीं करना चाहिए और बाहर के लोगों के सामने कभी भी अपने परिजनों की बुराई नहीं करनी चाहिए ।
गरूर पुराण के अनुसार स्त्री को कभी भी अपने पती के घर के अलावा किसी और के घर में नहीं रहना चाहिए इससे समाज में उनकी छवी ख़राब होती है और लोग उन्हें बुरी दृष्टि से देखते है।
Dr. Sandeep Ahuja, an Ayurvedic doctor with 14 years’ experience, blends holistic health, astrology, and Ayurveda, sharing wellness practices that restore mind-body balance and spiritual harmony.