आज की भागती दौड़ती दुनिया में विज्ञान ने काफी तरक्की कर ली है और विज्ञान की मदद से इंसान ने कई ऐसे चीजें पा ली है जो की आज से कुछ साल पहले तक नामुमकिन लगती थी। पर विज्ञान के ऐसे माहौल के बावजूद भी कभी कभी कुछ ऐसे आश्चर्यजनक बातें सुन ने को मिल जाती है जिन्हे सुनकर लगता है की आज भी ऐसे चमत्कार होते है जिनका विज्ञान से कोई लेना देना नहीं हैं और ऐसा ही एक चमत्कारी मंदिर है भारत में।
इस मंदिर में ऐसी मान्यता है की अगर कोई महिला इसके फर्श पर सो जाए तो मात्रा फर्श पर सोने से ही वह महिला गर्भवती हो जाती हैं। हैं न कमाल का चमत्कार !! चलिए आपको इस मंदिर से जुड़े इस चमत्कार के बारे में विस्तार से बताते हैं |
संतान प्राप्ति एक ऐसे सुख है जिसे हर शादी शुदा जोड़ा चाहता हैं। कहते है एक माँ बनने से ही एक महिला का जीवन पूर्ण रूप से सार्थक होता है और अगर कोई महिला माँ नहीं बन पा रही होती है तो इसमें शुक्राणुओ की कमी को उसकी वजह बताई जाती हैं। लेकिन इस मंदिर के फर्श पर सोने से महिला को संतान प्राप्ति का सुख प्रदान होता हैं।
यह मंदिर हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला की लड़भडोल तहसील के सिमस गांव में मौजूद है। यह देवी सिमसा का मंदिर है और इस मंदिर की प्रसिद्धि दिन पर दिन बढ़ती जा रही हैं। देवी सिमसा को संतान दात्री के नाम से भी बुलाया जाता हैं।
यहाँ पर नवरात्रो के दौरान हिमाचल के आस पास ले राज्यों जैसे पंजाब हरियाणा से कई महिलायें आती है और आकर फर्श पर सोती हैं। उसके बाद महिलाओ को संतान प्राप्ति का सुख प्रदान हो जाता हैं। नवरात्रो के दौरान यहाँ काफी बड़ा उत्सव होता है और इस उत्सव को सलिन्दरा भी कहा जाता हैं। सलिन्दरा का अर्थ है स्वप्न आना और माना जाता है जो महिला यहाँ आकर दिन रात फर्श पर सोती है और वह अपने मन में माता सिमसा के प्रति श्रद्धा का भाव रखती है , उसे माता सिमसा स्वप्न में आके संतान प्राप्ति का वरदान देती हैं। अगर स्वप्न में महिला को कंद मूल मिलता है तो इसका अर्थ है की महिला को जल्दी ही संतान प्राप्ति होगी और साथ साथ माता सिमसा संतान के लिंग के बारे में भी बता कर जाती हैं। यदि किसी को स्वप्न में अमरुद मिलता है तो उसे लड़का, जिसे भिंडी प्राप्त होती है उसे लड़की प्राप्त होती है और यदि किसी को कोई धातु , लकड़ी या पत्थर की कोई चीज मिले इसका अर्थ है की उस महिला को संतान की प्राप्ति नहीं होगी।
इसके अतिरिक्त मंदिर के पास एक बहुत विशाल पत्थर मौजूद है। उसकी मान्यता यह है की यदि आप उस पत्थर को दोनों हाथो से हिलने की कोशिश करेंगे तो वह नहीं हिलता है लेकिन यदि आप उसे अपनी छोटी अंगुली से हिलाएंगे तो वह हिल जाता हैं।