हिन्दू धर्म में पत्नी को बहुत सम्माननीय स्थान प्राप्त है, कोई भी धार्मिक क्रिया महिला के बिना पूरी नहीं मानी जाती है । वही दूसरी ओर ऐसे भी मंदिर है जहाँ नारी का प्रवेश वर्जित है, यह कैसी विडंबना है कि जहाँ एक ओर महिला कंधे से कन्धा मिलाकर कार्य करती है वही दूसरी तरफ उसे तुच्छ समझा जाता है ।
भारत के प्राचीन विष्णु मंदिरो से एक है केरल का पद्मनामस्वामी मंदिर जहाँ महिलाओं का प्रवेश वर्जित है, इसी प्रकार केरल में सबरीमाला मंदिर है जहाँ पचास साल तक कोई भी महिला उस मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकती, वहां भगवान श्री अयप्पा ब्रह्माचारी के चमत्कारों से प्रभावित होकर देश से ही नहीं वरन विदेशो से भी लोग यहाँ आते है ।
दिल्ली में स्थित जामा मस्जिद पूरे विश्व में प्रसिद्ध है, वहां सूर्य अस्त होने के बाद महिलाओं का प्रवेश नहीं होता ।
राजस्थान में पुष्कर बहुत प्रसिद्ध स्थान है, यहाँ पर ब्रह्मा जी का मंदिर है जो विश्व में विख्यात है । यहाँ पर कार्तिकेय का प्रसिद्ध मंदिर है जहाँ महिलाओं का मंदिर में प्रवेश निषेध है ।
दिल्ली में चिश्ती समुदाय के चौथे संत हजरत निज़ामुद्दीन औलिया की दरगाह है, हजरत साहब का पूरा जीवन वैराग्य में व्यतीत हुआ, वे बहुत बड़े संत थे । इस परगाह पर महिलाओं को प्रवेश नहीं करने दिया जाता ।
इसी प्रकार हाजी अली की दरगाह जो वर्ली में एक छोटे से द्वीप में स्थित है, इस दरगाह में मुस्लिम ही नहीं वरन सभी धर्मो के लोग अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए यहाँ आते है लेकिन यहाँ पर महिलाओं का प्रवेश वर्जित है ।
Dr. Sandeep Ahuja, an Ayurvedic doctor with 14 years’ experience, blends holistic health, astrology, and Ayurveda, sharing wellness practices that restore mind-body balance and spiritual harmony.