November 17, 2017 Blog

सूर्पनखा ही थी रावण के पतन का मुख्य कारण!

BY : Dr. Sandeep Ahuja – Ayurvedic Practitioner & Wellness Writer

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लेखिका: शिक्षा सिंह

कहते है कलयुग में कोई किसी का सगा नहीं हैं।  यहाँ किसी भी रिश्ते पर आप भरोसा नहीं कर सकते हो। आज भाई भाई का, बेटा बाप का , भाई बहिन का , माँ बेटे का किसी का रिश्ता भी भरोसे के लायक नहीं रहा है क्यूंकि हर कोई स्वार्थी बन गया हैं।  हर कोई पहले अपना मतलब निकालना चाहता है फिर चाहे उसे उसके लिए उसे अपनों को ही जान क्यों न लेनी पढ़ जाए। पर यह सब कलयुग का खेल नहीं है , त्रेतायुग में भी ऐसा ही कुछ हुआ था जहाँ एक बहिन बनिति अपने भाई के पतन का कारण।  आज हम आपको एक ऐसे ही सच्ची घटना बता रहे है जिसके बारे में शायद अपने कभी सुना नहीं होगा। 

सतयुग में राम रावण के युद्ध के बारे में तोह सब जानते है की कैसे रावण ने सीता मैया का अपहरण किया था और उसके बाद भगवन श्री राम ने रावण से युद्ध करके अपनी धर्मपत्नी की रक्षा की थी। लेकिन क्या आप लोग जानते है की रावण की मृत्यु का असली कारण उसकी ही बहिन सूर्पनखा थी ? शायद यह बात बहुत ही कम लोग जानते है की यह सारा खेल सूर्पनखा का रचा हुआ था क्यूंकि वह रावण से बदला लेना चाहती थी और उसके लिए वह सही वक़्त का इंतजार कर रही थी। 

हर कोई यह जनता है की सूर्पनखा राम या लक्ष्मण में से किसी को अपना पति बनाना चाहती थी और जब लक्ष्मण ने उसकी नाक काट दी थी तोह रावण ने उसके बदले में आके माता सीता का अपहरण किया था।  लेकिन असली कहानी यह नहीं हैं। सूर्पनखा राम या लक्ष्मण को अपना पति नहीं बनाना चाहती थी।  वह तोह रावण से अपने पति दुष्टबुद्धि की मृत्यु का बदला लेना चाहती थी। रावण को अपनी ही बहिन के पति को नहीं मारना चाहिए था चाहे वह कैसा भी था और अपने पति की मौत के बाद ही सूर्पनखा ने फैसला कर लिया था की वह अपने पति की मौत का बदला रावण से लेकर रहेगी।  वह उसे और उसके पूरे राज्य को समाप्त कर देगी। 

परन्तु वह जानती थी की रावण बहुत ही शक्तिशाली है क्यूंकि उससे ब्रह्मा जी से वरदान मिला था और रावण को हराना आसान नहीं था।  सूर्पनखा ने सालो सही समय का इंतजार किया और फिर उसने राम के बारे में सुना।  उसे पता चला की राम ने ही उसकी दादी थाटाका और उसके चाचा सुभाउ को मारा था , उसे ज्ञान हो गया की राम बहुत शक्तिशाली है और उन्हें कोई नहीं हरा सकता था। इसलिए सूर्पनखा ने जान कर राम और रावण के बीच युद्ध कराया।  उसने बहुत चालाकी से रावण को सीता माता के अपहरण के लिए उकसाया। सूर्पनखा के उकसाने पर ही रावण ने सीता माता का अपहरण किया और उसके बाद भगवान् राम ने रावण से युद्ध करके उससे मार गिराया। 

आखिर कर सूर्पनखा ने अपने ही भाई से अपना बदला पूरा किया। 

Author: Dr. Sandeep Ahuja – Ayurvedic Practitioner & Wellness Writer

Dr. Sandeep Ahuja, an Ayurvedic doctor with 14 years’ experience, blends holistic health, astrology, and Ayurveda, sharing wellness practices that restore mind-body balance and spiritual harmony.