उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता से कौन वाकिफ नहीं है, यहाँ अनेक रमणीय स्थल है लेकिन हम बात कर रहे है नैनीताल में बसे नीम करौली धाम या कैंची धाम की जहा भक्त हनुमान जी की पूजा अराधना करने आते है। साल भर यहाँ भक्ति का मेला लगा रहता हैं । इस मंदिर के चारों तरफ ऊँचे-ऊँचे पहाड़ है और मंदिर में हनुमान जी और राम और सीता माता तथा देवी दुर्गा के मंदिर बने हुए हैं।
ऐसी मान्यता है कि सच्चे मन से कि गई पूजा फल प्रदान करती है । १९६२ के लगभग नीम करौली बाबा की इस भूमि पर बहुत सी चमत्कारी घटनाएं घटित हुई । एक कथा के अनुसार कैंची धाम में एक विशाल भंडारे का आयोजन हुआ जिसमे घी कम पड़ गया और नीम करोली बाबा के कहने पर कनस्तरों में पास की नदी का पानी लाया गया और जब वह पानी हलवे के लिए प्रयोग में लाया गया तो वह घी बन गया ।
इसी तरह एक बार कैंची धाम में मेले के दौरान यातायात बाधित होने पर नीम करोली बाबा ने बैठे-बैठे यातायात नियंत्रित करवा दिया । इसी तरह एक बार भक्त की भक्ति से प्रसन्न होकर नीम किरौली बाबा ने भरी दुपहरी में उसके लिए बादल की छतरी बनवाकर उसे गर्मी से रहत दिलवाई और उसे मंजिल तक पहुचवाया। यहाँ विदेश से भी बाबा के भक्त आते है । ऐसा कहा जाता है कि जो भी इस मंदिर में सच्चे मन से दर्शन करता है वह अपनी सारी समस्याओं से निजात पाता है।