काल भैरव का नाम सुनते ही सभी भयभीत हो जाते है किन्तु ऐसा नहीं है की वे अहित करते है | समाज में कई प्रकार का ज्ञान है उसे किस प्रकार प्रयोग करना है यह व्यक्ति की क्षमता और सोच पर निर्भर करता है | भगवान काल भैरव भगवान शिव का ही एक तंत्र रूप है | एक बार भगवान ब्रम्हा ने भगवान शिव को अपशब्द कहे तब भगवान शिव के उग्र रूप से भगवान काल भैरव का जन्म हुआ | बालक काल भैरव ने ब्रम्हा के पांच सिरों में से एक सिर जिस के मुख से उन्होंने भगवान शिव को अपशब्द कहा था उसे अपने नख से काट दिया और तब से भगवान ब्रम्हा के चार सिर ही है | इस प्रकार भगवान शिव के तंत्र रूप की उतपत्ति हुई|
आज काल भैरव अष्टमी है मार्गशीर्ष माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी को काल भैरव अष्टमी के रूप में मनाया जाता है| आज के दिन निम्न उपाय करने से आपको कर्ज से मुक्ति ही नहीं मिलेगी वरन आपका व्यावसायिक जीवन भी सुखी एवं उन्नत होगा |
आइये जानते है उपाय -
1 - ऋण से मुक्ति पाने के लिए काल भैरव अष्टमी के दिन काल भैरव के मंदिर में अपने हाथो से भोग बना कर उसे घर में घुमाये और भगवान को चढ़ाये तत्पश्चात उसे वितरित कर दे |
2 - क्योकि भगवान काल भैरव भगवान शिव का ही रूप है अतः इस दिन भगवान शिव के सभी ज्योतिर्लिंगों वाले चित्र को सामने रख कर उसका पूजन करने और 108 बार निम्न मंत्र का जाप करने से भी ऋण से मुक्ति मिलती है | मंत्र इस प्रकार है -
ॐ ऋणमुक्तेश्वराय नमः |
3 - यदि आपके घर में कोई लम्बी अवधि से बीमार है तो साबुत उड़द दाल के आटे की रोटी बना कर उसे रोगी के ऊपर से सात बार उतार कर काले कुत्ते को आज के दिन खिलाये | स्वास्थ्य लाभ अवश्य होगा |
4 - यदि व्यापार में उन्नति चाहते है तो 125 ग्राम साबुत उड़द ले उसे भगवान भैरव के चरणों में चढ़ाये 11 दाने निकाल कर शेष का दान कर दे उन दानो को अपने व्यवसाय स्थान के चारो कोनो में छिड़क दे व्यापार में लाभ अवश्य होगा |
5 - भगवान भैरव का वाहन कुत्ता है अतः कुत्ते को रोटी अवश्य खिलाये विपदाएं दूर रहेंगी | और आज के दिन कुत्ते को मीठी रोटी खिलाने से घर के सभी सदस्यों को स्वास्थ्य लाभ होगा |
6 - आज दिन भगवान काल भैरव के पूजन स्थान पर चंदन और गूग्गल की सुगंध वाली 33 धूप जलाये भगवान काल भैरव सभी प्रकार से आपका हित करेंगे |
Dr. Sandeep Ahuja, an Ayurvedic doctor with 14 years’ experience, blends holistic health, astrology, and Ayurveda, sharing wellness practices that restore mind-body balance and spiritual harmony.