October 25, 2017 Blog

जानिए हिंदू धर्म में मृत्यु से सम्बंधित कुछ बाते!

BY : Dr. Sandeep Ahuja – Ayurvedic Practitioner & Wellness Writer

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लेखक: सोनू शर्मा

मृत्यु जीवन का एक अटक सत्य है, सबको एक दिन अवशय मरना है, कुछ लोग अपनी आयु पूरी करके मरते है और किसी की अकाल मौत होती है चाहे वह आत्महत्या के कारण हो या फाँसी की सजा के कारण । मरने के बाद कुछ रिवाज होते है, जानते है उनके बारे में –

  • हिन्दू धर्म में ऐसी मान्यता है की महिलाएँ शमशान नहीं जाती , सिर्फ पुरुष ही जाते है क्योकि महिलाएँ बहुत कोमल हृदय की होती है और वह वहाँ होने वाली क्रियाओं को सहन नहीं कर पाती तथा शमशान घाट में बुरी शक्तियाँ महिलाओं को जल्दी प्रभावित करती है इसलिए महिलाओं का शमशान में जाना वर्जित होता है ।

  • ऐसी मान्यता है की मरने वाले का बीटा अपनी माता या पिता जिसका भी देहांत हुआ हो शमशान घाट में उसके सिर पर डंडा मारता है, ऐसा इसलिए किया जाता है जिससे तांत्रिक उस खोपड़ी का इस्तेमाल करके कोई विद्या न सिद्ध कर ले तथा उसका गलत प्रयोग न करे । इससे बचने के लिए जलने से पहले खोपड़ी को डंडे से तोड़ दिया जाता है ।

  • जब भी कोई व्यक्ति जघन्य अपराध करता है तब उससे फाँसी की सजा सुनाई जाती है, फाँसी की सजा लिखने के बाद उस पेन की निब को तोड़ दिया जाता है, ऐसा इसलिए किया जाता है क्योकि वह पेन जिसने मृत्य दंड लिखा है वह अशुभ है और फिर उसके बाद उससे कोई फैसला लिखा जाएगा तो वह भी अशुभ न हो जाए इसलिए उस पेन की निब को तोड़ दिया जाता है ।

Author: Dr. Sandeep Ahuja – Ayurvedic Practitioner & Wellness Writer

Dr. Sandeep Ahuja, an Ayurvedic doctor with 14 years’ experience, blends holistic health, astrology, and Ayurveda, sharing wellness practices that restore mind-body balance and spiritual harmony.