कार्तिक अमावस्या को मनाये जाने वाले दीपावली पर्व का इन्तजार सभी को बड़ी ही बेसब्री से रहता है | यह पर्व गृहस्थ , व्यापारी और सभी लोगो के लिए शुभ फलदायी है | इस दिन धन और ऐश्वर्य की देवी माँ लक्ष्मी समुद्र मंथन की प्रक्रिया से समुद्र देव के गर्भ से निकल कर पृथ्वी पर अवतरित हुई थी | ऐसी ही कई कहानिया है जो इस दिन को महत्वपूर्ण बनाती है -
* भगवान राम ने जब रावण का वध कर माता सीता और भैया लक्ष्मण के साथ अयोध्या वापस आये तब अयोध्यावासियो ने दीप जला कर खुशिया मनाई और तब से प्रतिवर्ष दीपावली का त्यौहार मनाया जाने लगा|
* एक मान्यता के अनुसार माँ शक्ति ने जब राक्षसों के संहार के लिए रौद्र रूप माँ काली स्वरूप धारण किया तब उनके क्रोध से देवताओ के अस्तित्व पर भी खतरा मंडराने लगा | देवताओ की रक्षा और माँ काली का क्रोध शांत करने के लिए भगवान शिव ने माँ काली के सामने लेट कर उनका क्रोध शांत किया और तभी से उनके शांत रूप माँ लक्ष्मी का पूजन किया जाने लगा इस दिन माँ काली के पूजन का भी महत्व है |
इस बार दीपावली पर्व पर माँ लक्ष्मी का पूजन कर सुख , सौभाग्य , ऐश्वर्य की वृद्धि करने के लिए तीन शुभ मुहूर्त है | शाम को 6 बजकर 55 मिनट से 8 बज कर 52 मिनट तक माँ धन लक्ष्मी के पूजन का शुभ मुहूर्त है | इसके अतिरिक्त दोपहर में 2 बजकर 17 मिनट से 3 बजकर 18 मिनट तक भी अच्छा मुहूर्त है |
पूजन सामग्री -
माँ लक्ष्मी और भगवान गणेश का पूजन करने के लिए उनकी प्रतिमा ला कर घर में स्थापित करे एक चौकी में लाल तूल बिछा कर उस पर प्रतिमा रखे और चौक पूरे | इसके पश्चात माँ धन लक्ष्मी और भगवान गणेश की प्रतिमा और स्वयं को जल से पवित्र करे और मंत्र कहे -
ॐ अपवित्रः पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोपि वा |
यः स्मरेत पुण्डरीकाक्षं सः वाह्याभंतरः शुचिः ||
इसके पश्चात रोली , कुमकुम , चावल , पान , सुपारी , लौंग , इलाइची , धुप , कपूर अगरबत्ती , दीप , गंगाजल , फूल से अभिषेक करे | अंत में फल एवं नैवैद्य का भोग लगाए | माँ लक्ष्मी का पूजन कमल पुष्प , चांदी के सिक्के से करना चाहिए | पूजन के पश्चात माँ लक्ष्मी से भूल के लिए क्षमा प्रार्थना अवश्य करे |
माँ के आगे जलाये दीपो को घर के विभिन्न स्थानों पर रखे |
माँ लक्ष्मी का ध्यान मंत्र - ॐ श्रीं क्लीं श्रीं |
गट्टे की माला से ध्यान मंत्र - ॐ कमलवासिन्यै स्वाहा |
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री कमलालये प्रसीद प्रसीद श्री ह्रीं श्री महालक्ष्म्यै नमः ||