October 3, 2017 Blog

कौन से कार्य करना निषेध है ग्रहण काल में!

BY : STARZSPEAK

लेखक: सोनू शर्मा

ग्रहण एक प्रकार कि घटना है जिसमें कोई खगोलीय पिंड जैसे सूर्य, चंद्र व पृथ्वी बीच में आ जाता है या यदि सूर्य तथा पृथ्वी एक सीध में आ जाता तब पृथ्वी पर प्रकाश बाधित हो जाता है उसे ग्रहण कहते है ।

  • ऐसा माना जाता है कि ग्रहण में कीटाणुओं की संख्या में वृद्धि हो जाती है इसलिए इस समय भोजन नहीं करना चाहिए । अचार, मुरब्बा, दूध तथा दही में तुलसी के पत्ते डाल देने चाहिए जिससे वह अशुद्ध नहीं होते, पका हुआ खाना गाय या कुत्ते को खिला देना चाहिए ।

  • ग्रहण के समय भगवन की मूर्ति का स्पर्श करने का निषेध होता है लेकिन दान करना, तीर्थ स्थानों में नदियों व तालाब में स्नान करना, ध्यान लगाना, हवन करवाना, मंत्रो का जाप करना, मंत्र सिद्धि करना उतना लाभदायक होता है । इन दिनों मंत्र सिद्धि करने का विशेष फल होता है ।

  • इस समय में नाख़ून काटना, तेल लगाना, झूठ बोलना, छल - कपट करने से बहुत पाप लगता है । इस समय भूमि खोदना, पत्ते तोड़ना, लकड़ी काटना, फूल तोड़ना, दांत साफ़ करना, नहाना तथा शुभ कार्य करना वर्जित है ।

  • इस दिनों गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए और उन्हें सूर्य की रोशनी में नहीं जाना चाहिए, इससे उनके होने वाले शिशु पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है । गर्भवती महिलाओं को कोई तेज धार वाला चाकू भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए और उस समय सब्जी भी नहीं काटनी चाहिए ।

यदि ग्रहण के समय हर संयम का पालन करके विशेष जाप, हवन तथा मंत्रो का अध्यन्न करे तो हमे बहुत लाभ प्राप्त हो सकता है ।