क्या होता है Kaal Sarp Dosh? अगर कुंडली में हो काल सर्प दोष तो क्या करे?
BY : STARZSPEAK
Kaal Sarp Dosh: ज्योतिष शास्त्र में कालसर्प दोष को बेहद अशुभ माना गया है। कहा जाता है कि जिनकी कुंडली में यह दोष होता है, उन्हें जीवन में कई प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। यह दोष व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रभावित करता है, जिससे सफलता में बाधाएं आती हैं।
इसलिए कालसर्प दोष (Kaal Sarp Dosh) की शांति के लिए उचित विधि-विधान से पूजा करना आवश्यक माना जाता है। आइए जानते हैं कालसर्प दोष क्या होता है, इसकी पूजा विधि, लाभ और इसके लक्षण।
क्या है कालसर्प दोष? (What Is Kaal Sarp Dosh)
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब कुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाते हैं, तो इसे कालसर्प दोष कहा जाता है। यह योग व्यक्ति के जीवन में कई बाधाएं और कठिनाइयां ला सकता है।राहु को "काल" (अर्थात मृत्यु) और केतु को सर्प का प्रतीक माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार, राहु को सांप का मुख और केतु को उसकी पूंछ कहा जाता है। जब किसी व्यक्ति की कुंडली में यह दोष बनता है, तो राहु और केतु अन्य ग्रहों के शुभ प्रभाव को कमजोर कर देते हैं, जिससे जीवन में आर्थिक, मानसिक और शारीरिक परेशानियां उत्पन्न हो सकती हैं।
कालसर्प दोष: लक्षण और उपाय (Kaal Sarp Dosh: Symptoms and Remedies)
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंडली में ग्रहों की स्थिति शुभ और अशुभ योगों का निर्माण करती है। जहां शुभ योग जीवन में सफलता और समृद्धि लाते हैं, वहीं अशुभ योग कई प्रकार की कठिनाइयों का कारण बन सकते हैं। कालसर्प दोष (Kaal Sarp Dosh) ऐसा ही एक अशुभ योग है, जो जातक के जीवन में आर्थिक, मानसिक और शारीरिक परेशानियां उत्पन्न कर सकता है।
भोपाल के प्रसिद्ध ज्योतिषी एवं वास्तु विशेषज्ञ पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प दोष बनता है, तो उसे जीवन में कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। आइए जानते हैं कालसर्प दोष के लक्षण और इसके उपाय।

यह भी पढ़ें: Vastu For Home: घर खरीदने से पहले जान ले ये जरुरी वास्तु टिप्स नहीं तो हो सकता है नुकसान
कालसर्प दोष के लक्षण (Symptoms of Kaal Sarp Dosh)
- जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष (Kaal Sarp Dosh) होता है, उन्हें अक्सर सपनों में मृत व्यक्ति दिखाई देते हैं। कई बार ऐसा भी अनुभव होता है कि कोई गला दबा रहा है, जिससे भय और बेचैनी बढ़ जाती है।
- कालसर्प दोष से पीड़ित व्यक्ति को जीवन में अत्यधिक संघर्ष करना पड़ता है। जब उसे सबसे अधिक सहारे की आवश्यकता होती है, तब वह खुद को अकेला और असहाय महसूस करता है।
- इस दोष के कारण व्यापार और करियर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। व्यापार में लगातार नुकसान होने लगता है और आर्थिक स्थिति प्रभावित होती है।
- पीड़ित व्यक्ति को सपनों में सांप को शरीर पर रेंगते हुए या सांप के काटने जैसे डरावने दृश्य दिखाई देते हैं।
- जीवनसाथी के साथ बार-बार अनबन और विवाद होना भी इस दोष (Kaal Sarp Dosh) का एक प्रमुख संकेत है। इसके अलावा, यदि आपकी नींद बार-बार टूटती है, तो यह भी कालसर्प दोष का लक्षण माना जाता है।
- बार-बार सपनों में झगड़े या लड़ाई के दृश्य देखना भी इस दोष के प्रभाव को दर्शाता है।
- मानसिक और शारीरिक परेशानियां, जैसे लगातार सिरदर्द, त्वचा संबंधी रोग आदि भी कालसर्प दोष के लक्षण माने जाते हैं।
कुंडली में कब बनता है काल सर्प दोष (When is Kaal Sarp Dosh formed In Kundali)
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब किसी व्यक्ति की कुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाते हैं, तो इसे कालसर्प दोष (Kaal Sarp Dosh) का निर्माण माना जाता है।
यह भी पढ़ें: Tamil Calendar 2025
काल सर्प दोष के उपाय (Remedies Of Kaal Sarp Dosh)
कालसर्प दोष के प्रभाव से व्यक्ति के जीवन में कई चुनौतियाँ उत्पन्न हो सकती हैं, इसलिए इसका शीघ्र समाधान करना आवश्यक होता है। इस दोष को कम करने के लिए कुछ सरल और प्रभावी उपाय अपनाए जा सकते हैं:
- शिवलिंग का अभिषेक: रोज़ाना घर या मंदिर में जाकर शिवलिंग पर जल, दूध या पंचामृत अर्पित करें।
- रुद्राभिषेक: प्रदोष तिथि के दिन शिव मंदिर में रुद्राभिषेक कराना लाभकारी होता है।
- कुलदेवता की आराधना: प्रतिदिन अपने कुलदेवता की पूजा करें, इससे नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं।
- महामृत्युंजय मंत्र का जाप: प्रतिदिन कम से कम 108 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से दोष का प्रभाव कम होता है।
- हनुमान चालीसा का पाठ: रोज़ाना 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करने से मानसिक शांति और सुरक्षा मिलती है।
- मोरपंख रखना: कालसर्प दोष से प्रभावित व्यक्ति को अपने घर में मोरपंख रखना चाहिए, यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने में सहायक होता है।
इन उपायों को नियमित रूप से करने से कालसर्प दोष (Kaal Sarp Dosh) के प्रभाव में कमी आ सकती है, और व्यक्ति के जीवन में सकारात्मकता बढ़ सकती है।
कालसर्प दोष निवारण पूजा के लाभ (Kaal Sarp Dosh Puja)
- जीवन में शांति और सकारात्मकता – कालसर्प दोष निवारण पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि बढ़ती है और व्यक्ति को मानसिक शांति मिलती है। साथ ही वैवाहिक जीवन में सामंजस्य और प्रेम बना रहता है।
- सामाजिक प्रतिष्ठा में बढ़ोतरी – यह पूजा व्यक्ति की समाज में छवि को सुधारती है, जिससे उसे अधिक मान-सम्मान प्राप्त होता है।
- घर-परिवार में सुख-शांति – इस पूजा से घर का वातावरण शांतिपूर्ण और सकारात्मक बनता है, जिससे पारिवारिक संबंध मजबूत होते हैं।
- व्यवसाय में उन्नति – कालसर्प दोष की पूजा व्यापार में आ रही रुकावटों को दूर करती है, जिससे व्यापार बढ़ने लगता है और आर्थिक स्थिरता आती है।
- नौकरी में तरक्की – नौकरीपेशा लोगों को पदोन्नति और नए अवसर मिलने की संभावना बढ़ती है, जिससे करियर में उन्नति होती है।
- आर्थिक परेशानियों से मुक्ति – इस पूजा के प्रभाव से धन से जुड़ी समस्याएं कम होती हैं, और व्यक्ति को आर्थिक मजबूती मिलने लगती है।
कालसर्प दोष (Kaal Sarp Dosh) के प्रभाव को कम करने के लिए इस पूजा का पालन करना लाभकारी होता है, जिससे जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं।
निष्कर्ष:
कालसर्प दोष (Kaal Sarp Dosh) जीवन में कई बाधाएँ और कठिनाइयाँ ला सकता है, लेकिन उचित पूजा और उपायों से इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है। शिव आराधना, महामृत्युंजय मंत्र का जप और रुद्राभिषेक जैसे उपाय न केवल मानसिक शांति प्रदान करते हैं, बल्कि जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता भी लाते हैं। सही विधि से पूजा करने से व्यक्ति के पारिवारिक, आर्थिक और सामाजिक जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं, जिससे उसका भविष्य उज्जवल बनता है।
यह भी पढ़ें: Rang panchami 2025 : कब और क्यों मनाते है रंग पंचमी तथा क्या है इस तिथि का महत्व