September 26, 2024 Blog

Narak Chaturdashi 2024: नरक चतुर्दशी कब है? इस दिन क्या करने से होती है घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर

BY : STARZSPEAK

Narak Chaturdashi 2024: नरक चतुर्दशी, जिसे छोटी दीवाली या रूप चौदस भी कहा जाता है, दीपावली महोत्सव का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह त्योहार मुख्यतः भगवान कृष्ण द्वारा नरकासुर नामक असुर के वध की स्मृति में मनाया जाता है, जिसने पृथ्वी पर आतंक फैला रखा था। इस दिन का विशेष महत्व यह है कि लोग अपने घरों को साफ-सुथरा करते हैं, दीयों का प्रकाश फैलाते हैं और बुराई पर अच्छाई की विजय का उत्सव मनाते हैं।

नरक चतुर्दशी 2024 कब है?(When is Narak Chaturdashi 2024)

2024 में नरक चतुर्दशी का पर्व 31 अक्टूबर को मनाया जाएगा। पंचांग के अनुसार, नरक चतुर्दशी कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है, जो दीपावली के एक दिन पहले आती है। यह तिथि उस घटना का प्रतीक है, जब भगवान कृष्ण ने असुर नरकासुर का वध करके पृथ्वी को उसके आतंक से मुक्त किया था।

  • चतुर्दशी तिथि:             31 अक्टूबर 2024, दिन गुरुवार 
  • तिथि प्रारंभ:                30 अक्टूबर 2024, दोपहर 1:15 से
  • तिथि समाप्त:              31 अक्टूबर 2024 दोपहर 3:50 तक 
  • अभ्यंग स्नान का समय:    सुबह 5:18 से  6:32 तक रहेगा। 
नरक चतुर्दशी के पीछे की पौराणिक कथा (Mythological story behind Narak Chaturdashi)

नरक चतुर्दशी(Narak Chaturdashi) के पीछे भगवान कृष्ण और नरकासुर की कथा जुड़ी हुई है। यह दिन राक्षस नरकासुर के विनाश का प्रतीक है, जिसने स्वर्ग और पृथ्वी दोनों पर आतंक मचा रखा था। भगवान कृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा के साथ मिलकर नरकासुर का वध किया और उसके द्वारा बंदी बनाई गई 16,000 स्त्रियों को मुक्त कराया। इसके बाद यह दिन नरक चतुर्दशी के रूप में मनाया जाने लगा। ऐसा विश्वास है कि नरक चतुर्दशी (Narak Chaturdashi 2024) मनाने से जीवन से नकारात्मकता और बुराई समाप्त हो जाती है और यह घरों में प्रकाश, समृद्धि, और खुशहाली लेकर आता है।

यह त्योहार व्यक्तिगत शुद्धि से भी संबंधित है। इस दिन को रूप चौदस भी कहा जाता है, क्योंकि इस दिन विशेष रूप से सुंदरता और रूप को निखारने पर जोर दिया जाता है। इस दिन लोग सुबह जल्दी उठकर स्नान करते हैं और उबटन लगाते हैं, जिसके बारे में माना जाता है कि यह शरीर और आत्मा की अशुद्धियों को दूर करता है। यह अनुष्ठानिक स्नान, जिसे अभ्यंग स्नान कहा जाता है, विशेष रूप से शुभ माना जाता है और बुरी शक्तियों को दूर करने में सहायक होता है।


Narak Chaturdashi 2024



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नरक चतुर्दशी की पूजन विधि (Narak Chaturdashi Pujan Vidhi)
1. नरक चतुर्दशी पर सबसे महत्वपूर्ण क्रिया है अभ्यंग स्नान। इस दिन तड़के सुबह स्नान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। स्नान के लिए विशेष उबटन और तेल का उपयोग किया जाता है, जिसे शरीर पर मलकर स्नान किया जाता है। इसे 'नरकासुर मुक्ति स्नान' भी कहा जाता है, जो शरीर और आत्मा की शुद्धि का प्रतीक है।
2. स्नान के बाद घर के मुख्य द्वार पर 14 दीपक जलाना चाहिए। यह नरक से मुक्ति का प्रतीक होता है और घर में समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
3. इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा का विशेष महत्व होता है। उन्हें पुष्प, धूप, दीप, चंदन और मिठाइयाँ अर्पित की जाती हैं। भगवान कृष्ण की आरती करके उनसे परिवार की सुख-समृद्धि और कल्याण की प्रार्थना की जाती है।4. नरक चतुर्दशी के दिन यमराज की भी पूजा की जाती है, जिससे व्यक्ति को मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है। इस दिन दीपदान का विशेष महत्व है, जिससे यमराज प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति को नरक जाने से मुक्ति मिलती है।
इस दिन क्या करना चाहिए (What to do on this day) 

1. अभ्यंग स्नान: इस दिन अभ्यंग स्नान करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। इसके लिए विशेष उबटन का प्रयोग करना चाहिए। यह स्नान सुबह ब्रह्म मुहूर्त में करना शुभ माना जाता है।

2. घर की सफाई: नरक चतुर्दशी के दिन घर की साफ-सफाई करना और घर के हर कोने में दीपक जलाना शुभ होता है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

3. दीपदान: घर के मुख्य द्वार पर 14 दीपक जलाएं और घर के आँगन में दीपदान करें। इसे यमराज की प्रसन्नता के लिए किया जाता है।

4. शुभ कार्य: इस दिन दान-पुण्य करना भी अत्यंत फलदायी माना जाता है। गरीबों को अन्न, वस्त्र और धन दान करें।

5. पवित्र भोजन: इस दिन सात्विक भोजन का सेवन करना चाहिए। बिना प्याज और लहसुन के बने भोजन को भगवान को भोग लगाकर ग्रहण करना शुभ होता है।

इस दिन क्या नहीं करना चाहिए (What not to do on this day)

1. क्रोध और वाद-विवाद से बचें: इस दिन घर में या बाहर किसी से भी विवाद करने से बचना चाहिए। क्रोध और नकारात्मकता से दूरी बनाए रखें।

2. बुरी आदतें: शराब, मांसाहार या अन्य किसी भी प्रकार की बुरी आदतों से दूर रहें। इस दिन शुद्धता और पवित्रता का ध्यान रखना चाहिए।

3. असत्य बोलना: इस दिन असत्य बोलने और धोखा देने से बचें। सत्य बोलना और धार्मिक कार्यों में सहभागिता करना शुभ माना जाता है।

4. अंधेरा: इस दिन घर के किसी भी कोने को अंधेरे में न रखें। हर जगह दीपक जलाएं ताकि घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो।


नरक चतुर्दशी और दीपावली का संबंध

नरक चतुर्दशी, दीपावली के महोत्सव का दूसरा दिन होता है। यह दिन इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह अच्छाई की बुराई पर जीत का प्रतीक है। नरकासुर का वध करके भगवान कृष्ण ने यह संदेश दिया कि जब तक हमारे जीवन में बुराई है, हमें उससे लड़ते रहना चाहिए। नरक चतुर्दशी का दिन नकारात्मकता से मुक्ति पाने और सुख-समृद्धि की प्राप्ति का दिन है।


निष्कर्ष (Narak Chaturdashi 2024 Conclusion)

नरक चतुर्दशी का त्योहार न केवल पौराणिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हमारी सामाजिक और आध्यात्मिक जीवनशैली का भी हिस्सा है। इस दिन बुराई से लड़ने, शारीरिक और मानसिक शुद्धि का प्रतीक है। इस दिन भगवान कृष्ण और यमराज की पूजा करके व्यक्ति अपने जीवन में समृद्धि और सुख-शांति का आह्वान करता है।

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