सावन में पड़ने वाली मासिक शिवरात्रि का बहुत महत्व है। यह अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन शिव भक्त व्रत रखते हैं और भगवान शिव (Bhagwan Shiv) की पूजा करते हैं। हिंदू कैलेंडर के अनुसार यह शिवरात्रि श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। इस साल यह 2 अगस्त को मनाया जाएगा तो आइए जानते हैं पूजा विधि -

यह दिन शिव और पार्वती के मिलन का भी प्रतीक है। इस साल सावन की मासिक शिवरात्रि 02 अगस्त को मनाई जाएगी तो आइए जानते हैं इसकी पूजा विधि और शुभ मुहूर्त के बारे में -
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 02 अगस्त को दोपहर 03:26 बजे शुरू होगी. वहीं यह तिथि अगले दिन यानी 3 अगस्त को दोपहर 03:50 बजे समाप्त होगी. शिवरात्रि के दिन निशा काल में भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा की जाती है। इसलिए इस बार सावन की शिवरात्रि 2 अगस्त को मनाई जाएगी.
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। पूजा अनुष्ठान शुरू करने से पहले पूजा कक्ष को साफ करें। भगवान शिव की मूर्ति और शिवलिंग (Sawan Shivratri) का जलाभिषेक करें। पंचामृत और गंगाजल से अभिषेक करें। तरह-तरह के फूल, बेलपत्र, भांग और धतूरा चढ़ाएं। पुरुष तो शिवलिंग पर जनेऊ चढ़ा सकते हैं, लेकिन महिलाओं को जनेऊ नहीं चढ़ाना चाहिए। भगवान शिव के माथे पर सफेद चंदन से त्रिपुंड बनाएं। देशी घी का दीपक जलाएं और भगवान शिव को खीर का भोग लगाएं। रुद्राक्ष की माला से "महामृत्युंजय मंत्र" का 108 बार जाप करें।
इसके अलावा भगवान शिव को अक्षत, मीठा पान और मौसमी फल चढ़ाएं। सौभाग्य और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए महिलाओं को देवी पार्वती को श्रृंगार का सामान चढ़ाना चाहिए। अंत में भगवान शिव की आरती करें।
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Neha Jain is a festival writer with 7+ years’ experience explaining Indian rituals, traditions, and their cultural meaning, making complex customs accessible and engaging for today’s modern readers.