July 17, 2024 Blog

Chaturmas 2024: तिथियाँ, देवउठनी एकादशी और मांगलिक कार्य प्रतिबंध

BY : Neha Jain – Cultural & Festival Content Writer

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साल 2024 में चातुर्मास आज यानी 17 जुलाई 2024 (Chaturmas 2024 Date) बुधवार से शुरू हो गया है जो 12 नवंबर यानी देवउठनी एकादशी को समाप्त होगा। इस दौरान शुभ कार्यों पर रोक रहेगी. ऐसा माना जाता है कि इस दौरान किए गए शुभ कार्यों का शुभ फल नहीं मिलता है। आइए जानते हैं चातुर्मास के नियमों के बारे में।

Kab Se Hai Chaturmas 2024: आषाढ़ माह से चातुर्मास प्रारंभ होता है। इस काल में सृष्टि का संचालन देवों के देव महादेव द्वारा होता है। चातुर्मास में सावन, भाद्रपद, आश्विन और कार्तिक महीने आते हैं। इस दौरान नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है. माना जाता है कि ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

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chaturmas 2024 date
कब से शुरू है चातुर्मास 2024? 

पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवशयनी एकादशी कहा जाता है. इस बार चातुर्मास 17 जुलाई 2024 से शुरू होगा. वहीं, इसका समापन 12 नवंबर 2024 को होगा.

सनातन शास्त्रों के अनुसार जगत के पालनहार भगवान विष्णु आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि से योग निद्रा में चले जाते हैं। इसलिए इस एकादशी (Chaturmas 2024 Date) को देवशयनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। इसी तिथि से चातुर्मास प्रारंभ होता है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को भगवान विष्णु का शयनकाल समाप्त होता है। ऐसी स्थिति में चातुर्मास समाप्त हो जाता है। इस एकादशी को देवउठनी एकादशी कहा जाता है। चातुर्मास 4 महीने तक चलता है। इस दौरान शुभ कार्य वर्जित होते हैं।

चातुर्मास में न करें ये कार्य
  • चातुर्मास (Chaturmas 2024 Date) में तामसिक और राजसिक भोजन करना वर्जित है। इस महीने में देवी-देवताओं की पूजा करना बहुत फलदायी साबित होता है।
  • इसके अलावा काले या नीले रंग के कपड़े भी नहीं पहनने चाहिए। इस दौरान हरे, लाल, पीले रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है।
  • चातुर्मास (Chaturmas 2024 Date) में शुभ कार्य करना वर्जित है। इसमें विवाह, गृह प्रवेश, नामकरण आदि सहित 16 संस्कार शामिल हैं।
  • माना जाता है कि चातुर्मास में लंबी यात्राओं पर जाने से भी बचना चाहिए।
करें ये कार्य

चातुर्मास (Chaturmas 2024 Date) के दौरान सुंदर कांड, गीता और रामायण का पाठ करना व्यक्ति के जीवन के लिए बहुत फलदायी साबित होता है। मान्यता है कि इस दौरान भजन आदि करने से सांसारिक बाधाओं से मुक्ति मिलती है। वस्त्र, अन्न और धन का दान श्रद्धानुसार करना चाहिए।

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Author: Neha Jain – Cultural & Festival Content Writer

Neha Jain is a festival writer with 7+ years’ experience explaining Indian rituals, traditions, and their cultural meaning, making complex customs accessible and engaging for today’s modern readers.