ज्योतिषियों के अनुसार, भड़ली नवमी (Auspicious Yogas) पर सभी प्रकार के शुभ कार्य शुरू किए जा सकते हैं। इसलिए भड़ली नवमी के दिन शुभ कार्य किये जाते हैं। यह तिथि स्वयंसिद्ध तिथि है। अक्षय तृतीया की तरह आप भड़ली नवमी पर भी आभूषण खरीद सकते हैं। इस दिन शिव परिवार की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
Bhadli Navami 2024: भड़ली नवमी का सनातन धर्म में विशेष महत्व है। इसे अबूझ मुहूर्त भी कहा जाता है। सरल शब्दों में कहें तो भड़ली नवमी के दिन सभी प्रकार के शुभ कार्य बिना किसी ज्योतिषीय सलाह के किए जा सकते हैं। इस साल देवशयनी एकादशी 17 जुलाई को है. इससे पहले 15 जुलाई तक शुभ कार्य किए जा सकेंगे। हर साल आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को भड़ली नवमी मनाई जाती है। ज्योतिषियों के मुताबिक भड़ली नवमी पर एक साथ 07 शुभ योग बन रहे हैं. इन योगों में भगवान शिव की पूजा करने से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूरी होंगी। आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त और योग-
यह भी पढ़ें - Shravan Month 2024: जानें तिथियां और सावन सोमवार की तारीखें
ज्योतिषियों के मुताबिक, शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 14 जुलाई को शाम 05:26 बजे शुरू होगी. वहीं समापन समारोह 15 जुलाई को शाम 07:19 बजे होगा. इस दौरान (Auspicious Yogas) आप शिव परिवार की पूजा कर शुभ कार्य कर सकते हैं।
भड़ली नवमी पर सिद्ध योग बन रहा है. इस योग का निर्माण सुबह 07 बजे तक है। इसके बाद साध्य योग (Auspicious Yogas) का संयोग बन रहा है। साध्य योग 16 जुलाई को सुबह 07:19 बजे तक है। ज्योतिष शास्त्र सिद्ध और साध्य को बहुत शुभ मानता है। इस योग में शुभ कार्य किये जा सकते हैं. आप शुभ कार्य का उद्घाटन भी कर सकते हैं।
आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की नवमी पर रवि योग बन रहा है। इस योग का निर्माण पूरे दिन होता है। ज्योतिषी रवि योग को शुभ मानते हैं। इस योग (Auspicious Yogas) में भगवान शिव की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी।
भड़ली नवमी पर शिववास योग का भी संयोग बन रहा है। ये योग शाम 07 बजकर 19 मिनट तक बन रहा है. इस समय देवों के देव महादेव माता गौरी के साथ कैलाश पर्वत पर विराजमान होंगे। इस दौरान भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है।
भड़ली नवमी पर अभिजीत मुहूर्त रात 11:59 बजे से 12:55 बजे तक है। इस दिन बालव, कौलव और तैतिल योग (Auspicious Yogas) भी बन रहा है। कुल मिलाकर भड़ली नवमी के दिन राहुकाल को छोड़कर दिन में किसी भी समय शुभ कार्य किए जा सकते हैं। इस तिथि पर राहु काल प्रातः 07:17 बजे से प्रातः 09 बजे तक है।
यह भी पढ़ें - Puja Aarti Rules: जानिए आरती का महत्व और घी के दीपक जलाने के फायदे
Dr. Sandeep Ahuja, an Ayurvedic doctor with 14 years’ experience, blends holistic health, astrology, and Ayurveda, sharing wellness practices that restore mind-body balance and spiritual harmony.