July 11, 2017 Blog

कैसे दूर करे मंगल ग्रह की अशुभता!

BY : STARZSPEAK

लेखक: सोनू शर्मा

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जातक की कुंडली में ग्रहों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, जितना ग्रह शुभ स्थान में स्थित होगा उतना ही उस ग्रह का बल बढ़ जाता है । मंगल ग्रह को सेनापति माना जाता है, यदि मंगल शुभ हो तो व्यक्ति सिद्धांतवादी, साहसी, पराक्रमी तथा सुन्दर होता है।

जिनकी कुंडली में मंगल शुभ होता है वे व्यक्ति साहसिक कार्य जैसे की सेना, पुलिस इत्यादि व्यवसाय में होते है, डॉक्टर और हथियार संचालन भी मंगल के कार्य क्षेत्र है । विवाह सम्बन्ध बनाते समय भी मंगल की विशेष भूमिका होती है ।

प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम या बारहवे भाव में मंगल हो तो विवाह उसी जातक से किया जाता है जो मांगलिक हो, यदि कुंडली में मंगल अशुभ हो तो व्यक्ति मेहनत करे तब भी उसे अच्छा फल नहीं मिलता और उस व्यक्ति का भाग्य भी अच्छा नहीं होता, व्यक्ति कर्ज में डूबा रहता है तथा व्यक्ति का शरीर रोगग्रस्त रहता है । दिल की बीमारी, भाइयो से झगड़ा, जमीन का विवाद इत्यादि समस्याएँ व्यक्ति को घेरे रहती है । यदि मंगल अशुभ हो तो कुछ उपाय अपनाकर इसके दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है ।

१) मंगल से ग्रसित व्यक्ति को लाल पुष्पों को बहते पानी में प्रवाहित करना चाहिए ।

२) आटे को गूथ कर उसमे गुड़ या चीनी मिलकर गाय को खिलाये ।

३) मंगलवार को गुड़ या मसूर की दाल खाये तथा मीठी रोटियों का दान देना अच्छा होता है ।

४) मूंगे की माला या रुद्राक्ष की माला को गले में पहनना चाहिए ।

५) अपने बड़े भाई का आदर करे तथा उनका आशीर्वाद लेने से इस ग्रह का प्रभाव कम हो जाता है ।